शिक्षिका उत्तरा बहुगुणा पंत प्रकरण के एक दिन बाद आज उत्तराखंड राजकीय राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ ने मामले को संज्ञान लेते हुए कहा कि शिक्षिका के खिलाफ कोई कठोर कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए. इसके लिए अधिकारियों से मिला जाएगा.
Uttarakhand Chief Minister orders arrest, suspension of lady school principal for ‘showing disrespect’ ! She only had a basic demand for transfer!
Shameful and Disgusting attempt by BJP CM ! pic.twitter.com/eETCh39Jpr— Rachit Seth (@rachitseth) June 29, 2018
शिक्षक संघ का कहना है कि शिक्षिका 25 वर्षों से दुर्गम स्थान पर कार्यरत हैं और विधवा भी हैं, इसलिए उनकी स्थानांतरण की मांग जायज है जिसे सुना जाना चाहिए.
#WATCH Uttarakhand Chief Minister Trivendra Singh Rawat directs police to take a teacher into custody after she protested at ‘Janata Darbar’ over issue of her transfer. CM Rawat suspended the teacher and asked her to leave. (28.06.18) pic.twitter.com/alAdCY74QK
— ANI (@ANI) June 29, 2018
इस मामले को लेकर उत्तराखंड राज्य प्राथमिक शिक्षा संघ के महासचिव दिग्विजय सिंह चौहान ने कहा कि संघ इस प्रकरण को लेकर अनुरोध करेगा कि उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई न की जाए.
She has been suspended because she violated decorum as a teacher. It'll be investigated. We'll listen to her&only then will decision be taken: Bhupinder Kaur Aulakh,School Education Secy on the teacher suspended by #Uttarakhand CM after she argued with him y'day over her transfer pic.twitter.com/QvHu3BeY7E
— ANI (@ANI) June 29, 2018
चौहान ने कहा कि शिक्षिका 25 वर्षों से दुर्गम स्थान पर कार्यरत हैं और विधवा भी हैं, इसलिए उनकी स्थानांतरण की मांग जायज है, जिसे सुना जाना चाहिए. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षिका द्वारा अपनी मांग के लिए मुख्यमंत्री के सामने प्रयोग की गई ‘अमर्यादित भाषा’ का वह कतई समर्थन नहीं करते.
She can be transferred only within the dist. Her demand that she be transferred to Dehradun falls under inter-dist transfers which, as of now, isn't allowed by the Act: School Education Secy on teacher suspended by #Uttarakhand CM after she argued with him y'day over her transfer pic.twitter.com/nUa1hj0ufk
— ANI (@ANI) June 29, 2018
महिला ने सीएम से अपनी बात कही. इस पर सीएम ने महिला से कहा कि नौकरी लेते वक्त उन्होंने क्या लिख कर दिया था? इस पर टीचर उत्तरा ने जवाब दिया कि यह लिखकर नहीं दिया था की जीवन भर वनवास में रहेगी. इसके बाद हंगामा शुरू हुआ.
सीएम ने महिला को हिरासत में लेने के आदेश दे दिए. इस पर महिला ने सीएम को अपशब्द कह दिए. 57 वर्षीय उत्तरा के पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि वह बहुत दुखी हैं और कल शाम से ही रो रही हैं.
वर्ष 2015 में अपने पति की मृत्यु के बाद से ही वह परेशान चल रही थीं और अपने स्थानांतरण को लेकर शिक्षा विभाग के अधिकारियों से लेकर मुख्यमंत्रियों तक अपनी गुहार लगा चुकी हैं.
बता दें कि उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के जनता मिलन समारोह में जमकर हंगामा हुआ. 25 साल से दुर्गम इलाके में नौकरी कर बच्चों को पढ़ा रही महिला ने सीएम से ट्रांसफर की मांग की. इस पर सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत भड़क गए.
उन्होंने महिला से बार-बार कहा कि ‘सस्पेंड कर दूंगा बता दिया मैंने तुमको. सस्पेंड हो जाओगी. इसको सस्पेंड कर दीजिए. सस्पेंड कर दो. ले जाओ इसे बाहर. ले जाओ इसको. इसको कस्टडी में ले जाओ.’ इसके बाद भड़की महिला ने सीएम को अपशब्द कहे. और बुरा भला कहती रही जब तक पुलिस उसे बाहर नहीं ले गई.
उन्हें निलंबित कर दिया गया और हिरासत में ले लिया गया था. उनके खिलाफ पुलिस ने शांति भंग के तहत चालान किया. हालांकि, कल शाम को ही उन्हें सिटी मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया.