बुंदेलखंड: एक तरफ केंद्र में बैठी मोदी सरकार स्वच्छ भारत अभियान के तहत देशभर के गाँव में शौचालय बनाने की बात कर रही है। लेकिन यूपी के बुंदेलखंड के एक गांव से हैरान करने वाली खबर सामने आ रही है।
जहाँ आज भी दलित समुदाय के लोगों को शौच जाने के लिए भी टैक्स देने के लिए मजबूर किया जाता है।
दलित समुदाय के लोगों से ये टैक्स बनिया और ठाकुर समुदाय के लोग वसूल करते हैं। दलितों को एक हफ्ते के अंदर इसकी अदायगी करनी होती है।
इसके साथ दलित परिवार की महिलाओं को ठाकुरों और बनियों के घरों में जाकर मर्जी के खिलाफ काम करना पड़ता है।
अगर वह ऐसा नहीं करती या फिर उनकी काम से ठाकुर और बनिया समुदाय के लोगों को पसंद नहीं आया तो खेत में शौच बंद कर दिया जाता है और इसके बाद शौच के लिए 3 किलोमीटर दूर पटरी किनारे जाना पड़ता है।
बहुत ही शर्मनाक बात है कि इस मुसीबत से बचने के लिए गांव की दलित महिलाएं ठाकुरों को खुश रखती हैं और दलित परिवार के मर्द हर महीने ‘खेत में शौच’ का टैक्स अदा करते रहते हैं।
ये शर्मनाक हरकत ठाकुरों द्वारा बांदा के अतर्रा इलाके के भुजवनपुरवा गांव में की जा रही है। जहाँ पर
कुल 120 परिवार आबाद हैं। 60 परिवार ठाकुर-बनियों के हैं, जबकि बाकी 60 परिवारों में 40 कुनबे दलित हैं और 20 पिछड़ी बिरादरी।
गाँव के ठाकुर-बनियों के परिवार के पक्के मकान में ट्यूबवेल और बिजली के साथ-साथ शौचालय की सुविधा मुहैया है, जबकि गांव के दलितों को शौचक्रिया के लिए ठाकुर-बनियों के खेत में जाना पड़ता है।