VIDEO: स्वामी अग्निवेश ने कहा- ‘मुझपर हमला करने वाले जय श्रीराम का नारा लगा रहे थे’

सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश पर झारखंड़ के पाकुड़(लिट्टीपाडा) में हमले से पहले जब वे प्रेस कांफ्रेस कर बाहर निकल रहे थे,तभी उन्हें इस बात की जानकारी मिली थी कि कुछ लोग उनके विरोध में जमा होकर प्रदर्शन करने की तैयारी में हैं। स्वामी को जब इस बारे में बताया गया तो उन्होंने कहा अगर लोग प्रदर्शन करने आ रहे हैं तो इसमें कोई गलत बात नहीं है।

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अगर वे आएंगे तो मैं उनसे बातचीत करूंगा और साथ में चाय भी पिलाउंगा। लेकिन मिलने के लिए कोई नहीं आया। अग्निवेश जब लिट्टीपाडा पंहुचे तो उन पर हमला हो गया। स्वामी अग्निवेश ने मंगलवार शाम हरिभूमि से खास बातचीत में इस पूरे घटना क्रम का ब्योरा दिया। उन्होंने कहा कि यह हमला प्रायोजित था।

यह पूरा मामला मॉब लिंचिंग की तरह का है। यह घटना झारखंड़ राज्य में राजधानी रांची से 365 किलोमीटर दूर एक स्थान पर हुई है। यहां आदिवासी समुदाय का एक कार्यक्रम आयोजित था, जहां करीब 25 हजार लोग जमा थे। स्वामी अग्निवेश यहां सभी को संबोधित करने जा रहे थे। सौ लोगों ने घेरा भाजपा व बजरंग दल के लोग थे स्वामी अग्निवेश ने बताया कि इस हमले के दौरान उन्हें करीब 100 लोगों ने घेरा था, इनमें भाजपा का एक स्थानीय पार्षद,भाजयुमो तथा बजरंग दल से जुड़े लोग शामिल था।

इनमें से आठ लोगों की पहचान स्थानीय लोगों ने की। इन सभी के लिए पुलिस मेें नामजद रिपोर्ट दर्ज करवाई गई है। झारखंड़ के मुख्यमंत्री ने स्वामी को मामले की निष्पक्ष जांच का भरोसा दिलाते हुए मामले की जांच डीआईजी से कराने की बात कही है। स्वामी ने बताया कि हमलावर जयश्री राम के नारे लगाते हुए कह रहे थे कि गोमांस के समर्थक वापस जाओ।

अग्निवेश ने कहा है कि ईश्वर की कृपा से वे इस जानलेवा हमले में बच गए अौर उनके प्राणों की रक्षा हो गई। छत्तीसगढ़ में भी हुआ था हमला स्वामी अग्निवेश पर 26 मार्च 2011 को छत्तीसगढ़ के बस्तर में भी हमला हुआ था। इस घटना का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि ये हमला सलवा जुड़ुम के लोगों ने किया था। इस घटना की जांच सीबीआई से करवाने का आदेश हुआ था। जांच भी हुई लेकिन कोई नतीजा आज तक नहीं निकला। ये मामला सुप्रीम कोर्ट में भी चला था।

सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश पर झारखंड़ के पाकुड़(लिट्टीपाडा) में हमले से पहले जब वे प्रेस कांफ्रेस कर बाहर निकल रहे थे,तभी उन्हें इस बात की जानकारी मिली थी कि कुछ लोग उनके विरोध में जमा होकर प्रदर्शन करने की तैयारी में हैं।

स्वामी को जब इस बारे में बताया गया तो उन्होंने कहा अगर लोग प्रदर्शन करने आ रहे हैं तो इसमें कोई गलत बात नहीं है। अगर वे आएंगे तो मैं उनसे बातचीत करूंगा और साथ में चाय भी पिलाउंगा। लेकिन मिलने के लिए कोई नहीं आया। अग्निवेश जब लिट्टीपाडा पंहुचे तो उन पर हमला हो गया।

स्वामी अग्निवेश ने मंगलवार शाम हरिभूमि से खास बातचीत में इस पूरे घटना क्रम का ब्योरा दिया। उन्होंने कहा कि यह हमला प्रायोजित था। यह पूरा मामला मॉब लिंचिंग की तरह का है।

यह घटना झारखंड़ राज्य में राजधानी रांची से 365 किलोमीटर दूर एक स्थान पर हुई है। यहां आदिवासी समुदाय का एक कार्यक्रम आयोजित था, जहां करीब 25 हजार लोग जमा थे। स्वामी अग्निवेश यहां सभी को संबोधित करने जा रहे थे।

स्वामी अग्निवेश ने बताया कि इस हमले के दौरान उन्हें करीब 100 लोगों ने घेरा था, इनमें भाजपा का एक स्थानीय पार्षद,भाजयुमो तथा बजरंग दल से जुड़े लोग शामिल था। इनमें से आठ लोगों की पहचान स्थानीय लोगों ने की।

इन सभी के लिए पुलिस मेें नामजद रिपोर्ट दर्ज करवाई गई है। झारखंड़ के मुख्यमंत्री ने स्वामी को मामले की निष्पक्ष जांच का भरोसा दिलाते हुए मामले की जांच डीआईजी से कराने की बात कही है।

स्वामी ने बताया कि हमलावर जयश्री राम के नारे लगाते हुए कह रहे थे कि गोमांस के समर्थक वापस जाओ। अग्निवेश ने कहा है कि ईश्वर की कृपा से वे इस जानलेवा हमले में बच गए अौर उनके प्राणों की रक्षा हो गई।

स्वामी अग्निवेश पर 26 मार्च 2011 को छत्तीसगढ़ के बस्तर में भी हमला हुआ था। इस घटना का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि ये हमला सलवा जुड़ुम के लोगों ने किया था। इस घटना की जांच सीबीआई से करवाने का आदेश हुआ था। जांच भी हुई लेकिन कोई नतीजा आज तक नहीं निकला। ये मामला सुप्रीम कोर्ट में भी चला था।