दिल्ली की एक अदालत ने नेशनल हेराल्ड मामले में बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी की अर्जी शनिवार को खारिज कर दी. अर्जी में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, उनकी मां सोनिया गांधी और अन्य अधिकारियों को ये आदेश देने की मांग की गई थी कि या तो वे स्वीकारें या फिर नकारें कि उनकी ओर से दाखिल किए गए कुछ दस्तावेज असली हैं.
बीजेपी नेता स्वामी ने एक निजी आपराधिक शिकायत में राहुल और सोनिया गांधी पर आरोप लगाया है कि उन्होंने महज 50 लाख रुपए का भुगतान कर धोखाधड़ी और कोष में गड़बड़ी की साजिश की. जिसके जरिए यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने 90.25 करोड़ रुपए की वह रकम वसूलने का अधिकार हासिल कर लिया जिसे असोसिएट जर्नल्स लिमिटेड को कांग्रेस को देना था.
मजिस्ट्रेट समर विशाल ने अर्जी खारिज करते हुए कहा कि किसी आरोपी को किसी दस्तावेज का लेखक नहीं बताया गया है. उन्होंने यह भी कहा कि अर्जी से मुकदमे की कार्यवाही में देरी हो रही है. अदालत ने अपने आदेश में कहा , ‘‘कुछ कानूनी सीमा के कारण जब दस्तावेज खुद ही साक्ष्य के तौर पर स्वीकार्य नहीं हैं तो आरोपी इन दस्तावेजों को न तो स्वीकार कर और न नकार कर कानूनी तौर पर खुद को सही ठहराते हैं.’’
आदेश के मुताबिक, ‘‘लिहाजा , उक्त कारणों से सीआरपीसी की धारा 294 के तहत दायर उस अर्जी को अनुमति नहीं दी जा सकती जिसमें आरोपियों को दस्तावेज स्वीकारने या नकारने के निर्देश देने के लिए कहा गया है.’