सीरिया संकट: अमेरिका आतंकवाद की आड़ में मासूमों बना रहा है निशाना

रोबर्ट फिस्क ने बताया था कि मुसलमान पश्चिम और अमेरिका से इतनी घृणा क्यों करते हैं। उनके घर परिवार अमेरिका निर्मित बमों और हथियारों से नेस्तनाबूद हो गए,उनके बच्चे यतीम और उनकी औरतें बेवा हो गईं। वे मानते हैं कि अब सिर्फ अल्लाह ही उनकी मदद करेगा इसलिए अब के प्रौद्योगिकी बनाम मज़हब और मिसाइल बनाम दुआ में यकीन रखते हैं।

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यह लोकतंत्र बनाम आतंकवाद की जंग नही है, जैसा कि आने वाले दिनों में दुनिया वालों से यकीन करने के लिए कहा जाएगा। इस युद्ध का सम्बंध फिलिस्तीनी घरों पर अमेरिकी मिसाइलों के हमलों, लेबनान के एम्बुलेंस पर 1996 में अमेरिकी हेलीकॉप्टरों की गोलीबारी और इजराइल की भाड़े के लेबनानी सैनिकों द्वारा फिलिस्तीनी शरणार्थी शिविरों में किए गए बलात्कार और हत्याओं से भी है। जिस पर दुनिया शायद कभी विश्वास नही करेगी क्योंकि उनके दिमागों में इस्लाम की आतंकी छवि नक़्श कर दी गयी है।