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Waseem Barelvi
वसीम बरेलवी की ग़ज़ल: “तेरी मर्ज़ी के मुताबिक नज़र आयें कैसे”
October 20, 2016
वसीम बरेलवी की ग़ज़ल: “कैसे माँ-बाप के होंठों से हँसी जाती है”
October 17, 2016