ताजमहल मस्जिद में नमाज़ पढ़ने पर रोक लगाए जाने के बाद मुस्लिम समाज में गुस्सा, किया विरोध!

प्रसिद्ध ताजमहल मस्जिद में नमाज़ पढ़ने पर रोक को लेकर मुस्लिम समाज में गुस्सा है। सर्वोच्च न्यायालय का आदेश है कि सिर्फ जुमा (शुक्रवार) को ही नमाज हो सकती है। इसलिए अन्य दिनों में नमाज अदा नहीं करने दी जा रही है। इसी को मुद्दा बनाया गया है। सोमवार को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) कार्यालय पर बड़ी संख्या में पहुंचकर विरोध जताने का ऐलान किया गया है।

तीन नम्बर को पहले भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) आगरा मंडल के अधीक्षण पुरातत्वविद डॉ. वसंत कुमार स्वर्णकार दौरे पर थे। उन्होंने देखा कि ताजमहल में नमाज अदा की जा रही है। उन्होंने इमाम सादिक अली को सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए आगे से नमाज अदा करने से रोक दिया।

कहा कि सिर्फ शुक्रवार को ही नमाज अदा की जा सकती है। अन्य दिनों में वजू का पानी भी रोक दिया है। इमाम ने यह जानकारी ताजमहल मस्जिद इंतजामिया कमेटी के सदर सैयद इब्राहीम हुसैन जैदी को दी। इसके बाद भी बात नमाजियों में फैल गई।

शुक्रवार को ताजमहल में नमाज बिना किसी रोकटोक के हुई। इसके बाद ताजमहल के निकट ही बैठक हुई। इसमें कहा गया कि ताजमहल में पांच बार की नमाज अदा की जानी चाहिए। इस समय तीन बार की नमाज को अदा की जा रही है, क्योंकि बाकी समय ताजमहल बंद रहता है। इमाम सादिक अली को नमाज पढ़ने से रोका गया है, जो गलत है।

जब पुरातत्व विभाग ने खुद इमाम नियुक्त किया है, तो पांच बार नमाज अदा कर सकते हैं। पुरानी परंपरा को नहीं रोका जा सकता है। बैठक में कुछ लोगों ने भड़काऊ बातें शुरू कर दीं, इस पर बैठक समाप्त कर दी गई। इससे पहले तय किया गया कि 12 नवम्बर, 2018 को प्रातः 10 बजे एएसआई के माल रोड स्थित कार्यालय पर पहुंचेंगे। पुरातत्व विभाग के अधिकारियों को ज्ञापन देकर विरोध किया जाएगा।

बैठक में ताजमहल मस्जिद के इमाम सैयद सादिक़, इब्राहिम जैदी, हाजी जमील कुरैशी, जामा मस्जिद चेयरमैन असलम कुरैशी, भारतीय मुस्लिम परिषद के समी आगाई, एआईएमआईएम के जिला अध्यक्ष मोहम्मद इदरीस अली, इरफान सलीम, मुफ़्ती मुदसिर, अहमद हसन, नदीम खान, नदीम नूर, हाफिज याक़ूब, अदनान, सलमान, आसिफ, मुन्ना खान आदि मौजूद थे।

इस बारे में ऑल इंडिया मजलिस-ए- इत्तेहादुल मुसलमीन (एआईएमआईएम) के जिलाध्यक्ष मोहम्मद इदरीस अली का कहना है कृ पुरातत्व विभाग बेवजह ही बात को बढ़ा रहा है। ताजमहल में मस्जिद है, इसलिए पांच बार की नमाज होनी चाहिए। सदियों से ऐसा होता आ रहा है। इसे रोकने विवाद को जन्म देना है।