पटना: भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड ने बिहार के स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव के पेट्रोल पंप का लाइसेंस रद्द कर दिया है। बताया जा रहा है कि लाइसेंस प्राप्त करने के लिए बीपीसीएल ने तेज प्रताप को एक नोटिस भेजा था, जिसका वह उचित जवाब नहीं दे सके। जिसकी वजह से यह कदम उठाया गया है। इस सिलसिले में बीपीसीएल ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है।
गौरतलब है कि बीपीसीएल ने 31 मई को तेज प्रताप को नोटिस भेजा था और इस संबंध में जवाब तलब किया था कि उन्होंने लाइसेंस कैसे प्राप्त किया है। उनसे 15 दिनों में जवाब दाखिल करने के लिए कहा गया था।
उधर पत्रकारों से बातचीत करते हुए तेज प्रताप के भाई और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि वह इस संबंध में जल्द ही अधिक जानकारी प्राप्त करेंगे। साथ ही उन्होंने सवाल उठाया कि इस मामले में एकतरफा कार्रवाई क्यों हो रही है? उन्होंने कहा कि सच जल्द ही सामने आएगा।
एएनआई की खबर के अनुसार बीपीसीएल के पटना के टरेटरी मैनेजर मनीष कुमार द्वारा यह नोटिस एक शिकायत के बाद भेजा गया था, जिसमें कहा गया था कि पटना के उन्नीसआबाद बाईपास रोड पर यह पेट्रोल पंप यादव ने गलत जानकारी के माध्यम से हासिल किया है।
गौरतलब है कि पिछले दिनों भाजपा नेता सुशील मोदी ने भी आरोप लगाया था कि यूपीए-2 सरकार में तेज प्रताप ने यह पेट्रोल पंप फर्जी दस्तावेजों की मदद से प्राप्त किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी आरोप लगाया था कि आवेदन करते समय तेज प्रताप के पास पेट्रोल पंप निर्माण के लिए तय 43 डिसमिल जमीन भी नहीं थी।