क्या तेलंगाना में महागठबंधन से क्या देश की राजनीति बदलेगी?

आंध्रप्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू ने पहली बार तेलंगाना चुनाव में मंच साझा किया है। अब बात यह है कि क्या तेलंगाना में गठबंधन देश की राजनीति में कुछ बदलाव लायेगी य नहीं।

ईवीएम पर चेतावनी देते हुए आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने बुधवार को कहा कि उनसे ‘छेड़छाड़’ की जा सकती है और लोगों से अपील की कि सात दिसम्बर को मतदान करने के बाद वीवीपीएटी मशीन पर नजर बनाए रखें।

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नायडू खम्मम में एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे जो चार दलों के साथ गठबंधन के बाद पहली बार कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ मंच साझा कर रहे थे।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं आप सबसे आग्रह करता हूं…हम ईवीएम का इस्तेमाल कर रहे हैं. मैं चाहता हूं कि आप ईवीएम को लेकर सतर्क रहें। वोट डालने के बाद यह दिखेगा। उसकी भी जांच करें।

हमें अधिकार है कि हम देखें कि हम किसे वोट कर रहे हैं। ’’ नायडू ने कहा, ‘‘मैं प्रौद्योगिकी से अच्छी तरह परिचित हूं. फोन को भी टैप किया जा सकता है।’’ उन्होंने दावा किया कि वीवीपीएटी केवल उनकी मांग पर शुरू हुआ।

बाद में हैदराबाद में रोडशो के दौरान उन्होंने मतदाताओं से कहा कि ईवीएम को लेकर सतर्क रहें ‘‘क्योंकि उनसे छेड़छाड़ किए जाने की आशंका है।

चंद्रबाबू नायडू से मुलाकात के बाद राहुल गांधी ने कहा कि हम प्रतिद्वंदी नही हैं। देश को लेकर हमारा नजरिया एक है। हम तेलंगाना की जनता के लिए लड़ रहे हैं।

राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि इस देश को पीएम से खतरा है और हम इस खतरे से निपटने के लिए एकसाथ काम कर रहे हैं।

बता दें कि इससे पहले तेलंगाना में सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति पर हमला करते हुए राहुल गांधी ने कहा था कि यह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी की ‘बी टीम’ है। उन्होंने दावा किया कि के। चंद्रशेखर राव की पार्टी और एआईएमआईएम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि उनकी पार्टी टीआरएस को राष्ट्रीय स्तर पर नहीं हरा सके।