नर्रा के मॉब लिंचिंग में अदालत ने दस लोगों को उम्रकैद और 14-14 हजार रुपये के जुर्माने की सजा दी है। एक साल पूर्व धनबाद के शम्सुद्दीन को भीड़ ने बच्चा चोर बता पीट-पीटकर अधमरा कर दिया था। बाद में उपचार के दौरान उसकी रिम्स में मौत हो गई थी।
बेरमो व्यवहार न्यायालय तेनुघाट के अपर सत्र न्यायाधीश (द्वितीय) गुलाम हैदर की अदालत ने मंगलवार को बोकारो के नर्रा (चन्द्रपुरा) के चर्चित शम्सुद्दीन हत्याकांड में फैसला सुनाया। जुर्माना की राशि में से एक लाख बीस हजार रुपये पीड़ित परिवार को दिए जाएंगे। इसमें से साठ हजार रुपए मृतक की विधवा को मिलेंगे।
कोर्ट ने मुआवजा की राशि को कम माना और सीआरपीसी की धारा 357अ के तहत मृतक की विधवा को पर्याप्त राशि देने के लिए डालसा बोकारो को लिखा है। नर्रा कांड में किशोर दसौंधी, सूरज वर्णवाल, चंदन दसौंधी, जीतन रजक, सागर तुरी, मनोज तुरी, सोनू तुरी, जितेंद्र ठाकुर, राज कुमार कोइरी और छुटिया कोइरी को आजीवन कारावास दिया गया है।