बुरहान वानी और अपने रिशतेदारों के मौत का बदला लेने के लिए घाटी में बन रहे आतंकी !

जम्मू कश्मीर  : पढ़े-लिखे ये नौजवान किस तरह से आतंकी संगठनों को जॉइन कर रहे हैं। घाटी में 8 मई 2016 को सुरक्षा एजेंसियों द्वारा मारे गए दक्षिण कश्मीर में हिजबुल मुजाहिद्दीन के कमांडर बुरहान वानी और दूसरे आतंकियों के मारने को लेकर देश के खिलाफ नफरत पैदा की जा रही है। बुरहान वानी को सेना ने घेरकर 4 फीट दूर से मार गिराया था। 22 साल का बुरहान वानी 15 साल की उम्र में आतंकी बन गया था। वो पिछले कुछ सालों से साउथ कश्मीर में बहुत एक्टिव माना जाता था। वो सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहता था और इसी से लोगों को हैंडल करता था।

पुलिस कि जांच में पता चला है कि हथियारों की कमी को पूरा करने की कोशिश में दो कथित आतंकवादी पकड़े गए हैं। स्पेशल सेल के सूत्रों ने बताया कि गुरुवार रात जामा मस्जिद के पास से आईएसजेके के जिन दो कथित आतंकवादियों को पकड़ा गया वे हथियारों की कमी को पूरा करने के मकसद से ही लगाए गए थे। गिरफ्तार कथित आतंकी परवेज राशिद लोन के आईएसजेके में जाने के पीछे इसके छोटे भाई फिरदौस राशिद लोन उर्फ अबू उमर की मौत को बताया जा रहा है। सुरक्षा एजेंसियों ने उसे और उसके एक साथी समीर अहमद लोन को इसी साल 24 जनवरी को मार गिराया था। छोटे भाई की मौत का बदला लेने के लिए परवेज ने आईएसजेके जॉइन किया।

फिरदौस ने 5 सितंबर 2016 को पहले इंडियन मुजाहिद्दीन जॉइन किया था। इसके बाद दिसंबर 2017 में वह आईएसजेके में आ गया। जमशीद को आईएसजेके में लाने वाला उसका एक रिश्तेदार है। इनके माध्यम से स्लीपर सेल के बारे में भी सुरक्षा एजेंसियों को जानकारी मिल रही है। जल्द ही कुछ और गिरफ्तारियां भी हो सकती हैं। परवेज के नाम पर फेसबुक पर अकाउंट भी है। इसे कन्फर्म किया जा रहा है।

आईएस के जम्मू और कश्मीर (आईएसजेके) के कथित आतंकी हथियारों की कमी की वजह से बाहर निकलकर यूपी और दूसरी जगहों से हथियार खरीदकर घाटी में जमा कर रहे हैं। खासतौर से छोटे हथियार, ताकि इनका इस्तेमाल घाटी में भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के जवानों को मारे जाने में किया जा सके।