इस्लाम में टेस्ट ट्यूब के ज़रिये बच्चे पैदा करना हराम: जमीयत उलेमा ए हिंद

जमीयत उलेमा ए हिंद के मौलाना अब्दुल लतीफ कासमी ने  टेस्ट ट्यूब के ज़रिए बच्चे पैदा करने के तरीक़े को नाजायज़ क़रार दिया. साथ ही ये भी दावा किया कि इस तरह बच्चे पैदा करना शरीयत के हिसाब से हराम है.

इस बारे में बरेली के दारुल इफ्ता मंजर ए इस्लाम दरगाह के मुफ़्ती मोहम्मद सलीम नूरी ने न्यूज़ 18 को बताया की  टेस्ट ट्यूब बेबी नहीं बल्कि इसका तरीका इस्लाम के मुताबिक नाजायज़ हो जाता है. सलीम के मुताबिक टेस्ट ट्यूब बेबी अगर वाइफ के एग और हसबेंड के स्पर्म के जरिए विकसित किया जाए तो इसमें कुछ गलत नहीं है. हालांकि स्पर्म या फिर टेस्टट्यूब में विकसित किया गया भ्रूण इंजेक्ट करते हुए परदे का ख्याल रखना ज़रूरी है. कोई गैर मर्द अगर इस प्रक्रिया को अंजाम दे रहा है तो ये गैर इस्लामिक है. ये प्रक्रिया किसी महिला या फिर पति के द्वारा ही पूरी की जानी चाहिए.

हालांकि सलीम कहते हैं कि कई लोग अनजाने में ऐसा कर लेते हैं और उन्हें सज़ा देने की जगह इलाम में माफ़ी का प्रावधान है. जो मुसलमान अनजाने में ऐसे बच्चे पैदा कर चुके हैं वो ये बिलकुल भी न समझें कि उनकी औलाद हराम है. औलाद नहीं सिर्फ ये प्रक्रिया हराम मानी गई है. अगर ऐसा हो भी गया है तो इस्लाम में तौबा करने की सुविधा है. ऐसे लोगों को दान और पुण्य के जरिए अल्लाह से माफ़ी मांगनी चाहिए. उन्होंने कहा कि जो लोग कह रहे हैं कि ऐसा करने से इस्लाम से ख़ारिज हो जाते हैं वो सभी गलत हैं.