उत्तराखंड में भाजपा सरकार अपने 100 दिन के कामकाज का रिकॉर्ड जनता के सामने रख चुकी है। इस दौरान उसने जो काम किए इस पर एक किताब भी जारी किया है। लेकिन इस किताब में उनके 100 दिनों में मुसलमानोंं के लिए कुछ भी नजर नहीं आया है।
राज्य की तिरुवेन्द्र सिंह रावत सरकार के 100 दिनों के कामकाज को दिखाने वाली किताब में हर योजना और बैठक का ज़िक्र किया गया है। जो पिछले 100 दिनों में सरकार के मंत्रियों और विभागों ने किए।
लेकिन बहुत खोजने पर भी किताब के किसी पन्ने में मुसलमानों से जुड़ी योजनाओं का जिक्र तक नज़र नहीं आया।
सबका साथ सबका विकास के नारे लगाने का दावा करने वाले भाजपा के राज्य नेता अजय भट्ट से जब इस बारे में बात की गई, तो उन्होंने बड़ी ही साफगोई से जवाब दिया। अजय भट्ट का कहना है कि किताब में उन बातों का ज़िक्र किया गया है, जो वास्तव में बीते सौ दिनों में हुआ है।
सरकार में अल्पसंख्यक विभाग के निदेशक की जिम्मेदारी संभाल चुके अहमद अली से जब मीडिया ने राज्य में अल्पसंख्यक समाज के मौजूदा स्थिति के बारे में बात की तो उन्होंने कहा कि सरकार योजनाएं तो बना देती है, लेकिन बजट की कमी और मूल मुद्दों पर ध्यान न देना एक बड़ी समस्या है।
जानकार मानते हैं कि अगर राज्य में अल्पसंख्यकों की स्थिति में सुधार लाना है तो योजनाओं की घोषणा के साथ ही उन योजनाओं पर गंभीरता भी दिखानी होगी।
किसी भी सरकार की दिशा को समझने के लिए पहले सौ दिन ही पर्याप्त नहीं होते इसलिए उम्मीद की जानी चाहिए कि आने वाले कुछ दिनों में सरकार अल्पसंख्यकों के लिए बड़े और प्रभावी निर्णय लेती दिखेगी।