आरएसएस में पिछले 15 सालों से काम रहे एक आरएसएस कार्यकर्ता ने संघ के क्रिया कलापों पर सवाल खड़ा किया है। उनहोंने कहा है कि आरएसएस के अंदर कुछ भी ठीक नहीं है। उनहोंने कहा कि जो सोचकर मैंने संघ के अंदर कदम रखा था, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है संघ के अंदर।
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उन्होंने संघ के अजेंडे का खुलासा करते हुए कहा कि उसके अंदर सिर्फ नफरत करना सिखाया जाता है, नफरत की राजनीति की जाती है। उनहोंने साफ लफ्जों में कहा कि संघ का एक ही मकसद है, वह है दलित पिछड़ों को दबाना और ब्राह्मनवाद को बढ़ावा देना।
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