पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने न्यूजीलैंड में मारे गए अपने देश के नागरिक मियां नईम रशीद की तारीफ की है। इमरान ने कहा कि रशीद न्यूजीलैंड की मस्जिद में हुई गोलीबारी में ‘श्वेत वर्चस्ववादी आतंकवादी’ से मुकाबला करते हुए शहीद हुए हैं।
दो मस्जिद में हुई इस गोलीबारी में 50 लोगों की मौत हो गई थी, जो आधुनिक इतिहास का सबसे बदतर सामूहिक गोलीकांड है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने रविवार को अपने ट्वीट में कहा, ‘हम क्राइस्टचर्च में हुए आतंकवादी हमले के पाकिस्तानी पीड़ितों के परिवारों को मदद के लिए तैयार हैं।
We stand ready to extend all our support to the families of Pakistani victims of the terrorist attack in Christchurch. Pakistan is proud of Mian Naeem Rashid who was martyred trying to tackle the White Supremacist terrorist & his courage will be recognized with a national award.
— Imran Khan (@ImranKhanPTI) March 17, 2019
पाकिस्तान, मियां नईम रशीद पर फख्र करता है जो श्वेत चरमपंथी आतंक से लड़ने की कोशिश में शहीद हो गए। उनके साहस को राष्ट्रीय सम्मान से नवाजा जाएगा।’
अमर उजाला पर छपी खबर के अनुसार, शुक्रवार को गोलीबारी में मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 50 हो गई थी। पुलिस का कहना है कि एक शख्स पर हत्या का आरोप लगा है। जबकि बाकी तीन जिनके पास हथियार मिले हैं, माना जा रहा है कि वह इस कांड में शामिल नहीं थे।
पुलिस अधिकारी माइक बुश ने कहा, ‘इस समय केवल एक शख्स को इस हमले के संबंध में आरोपित किया गया है। मैं तब तक कुछ भी निर्णायक नहीं कहूंगा, जब तक हम पूरी तरह आश्वस्त नहीं हो जाते।’
शनिवार को हमलावर को कोर्ट में पेश किया गया था। उसे जब कोर्ट में लाया गया तो उसने सबको हैरान कर दिया। दरअसल, अपने इस कृत्य के लिए किसी तरह का पछतावा जताने के बजाए वह कोर्ट में खड़ा मुस्कुरा रहा था।
पुलिस ने ऑस्ट्रेलिया में जन्मे 28 वर्षीय ब्रेंटन टेरेंट को हाथ में हथकड़ी और कैदियों वाली सफेद रंग की कमीज पहनाकर अदालत में पेश किया था। जज ने उसके खिलाफ हत्या के आरोप तय किए। उस पर और भी आरोप लगाए जा सकते हैं। इसके बाद कोर्ट ने हमलावर को अगली सुनवाई तक हिरासत में भेज दिया है।
टेरेंट ने शुक्रवार को दो मस्जिदों में गोलीबारी कर 50 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था। इस हमले में बांग्लादेश की क्रिकेट टीम बाल-बाल बच गई थी। हमलावर पूर्व फिटनेस ट्रेनर है। पेशी के दौरान उसने कई बार अदालत में मौजूद मीडिया की ओर देखा। वह लगातार मुस्कुरा रहा था। सुरक्षा कारणों के चलते सुनवाई बंद कमरे में हुई।