नई दिल्ली. तीन साल पहले एक दूसरे से संबंध तोड़ने वाली कांग्रेस-एनसीपी की दूरियां खत्म होती नजर आ रही हैं| पहली बार दोनों दलों के बीच लोकसभा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव मिलकर लड़ने के मुद्दे पर बैठक हुई।
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इस बैठक में कांग्रेस की ओर से महाराष्ट्र कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौहान, नसीम खान, महाराष्ट्र विधानसभा के विपक्षी नेता राधा कृष्ण पाटिल शामिल हुए। वहीं एनसीपी की ओर से शरद पवार के भतीजे अजीत पवार, जितेंद्र ओहद, एनसीपी के महाराष्ट्र अध्यक्ष सुनील त्त्करे सहित कई बड़े नेता लगभग दो घंटे तक मौजूद थे। दोनों पार्टियों ने मौजूदा राजनीतिक स्थिति का जायजा लिया। और साथ मिलकर चुनाव लड़ने के फायदे और भाजपा को रोकने पर विमर्श किया।
एनसीपी और कांग्रेस के नेता ने माना कि दोनों के अलग अलग लड़ने से सीधा फायदा भाजपा और शिवसेना को हुआ है। जो वोटर सेकुलरिज्म के मुद्दे पर उनके गठबंधन को वोट देते थे वह बंट गए। इस बार पिछली वाली गलती न हो।