पश्चिम बंगाल में तृणमूल और सीपीएम के कार्यकर्ताओं के बीच जारी खूनी संघर्ष से कई जिलों में हालात बेकाबू हो गए हैं। उत्तर 24 परगना जिले के अमदंगा में एक पंचायत बोर्ड के गठन को लेकर हुये समूह संघर्षों में तीन लोगों की मौत हो गयी और 10 अन्य घायल हो गये।

इससे पहले उत्तरी दिनाजपुर, मालदा और पुरूलिया जिलों में सोमवार से इसी तरह के संघर्षों के बाद हिंसा में चार लोग मारे गये थे और कई अन्य घायल हो गये। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने घटना के बाद शांति की अपील की है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक इलाके से बड़ी संख्या में कच्चे बम और दगे हुए कारतूस बरामद हुए हैं।
टीएमसी नेता और पश्चिम बंगाल के खाद्य मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक ने कहा, ‘तीन ग्राम पंचायतों में पंचायत बोर्ड के गठन की प्रक्रिया लगभग पूरी हो गई थी। सीपीएम और बीजेपी ने मिलकर ये (हिंसा) किया। सभी हथियार बांग्लादेश से आए थे।
पंचायत चुनावों में सीपीएम ने टाटाबेरिया और बोदाई ग्राम पंचायत के चुनाव जीते थे। टीएमसी मंत्री ने दावा किया, ‘सीपीएम नेताओं ने पश्चिम बंगाल सीपीएम मुख्यालय में ब्लूप्रिंट तैयार किया। पुलिस एक्शन लेगी। हम अमदंगा में छह सितंबर को विरोध रैली निकालेंगे।
सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा, ‘जहां भी विपक्ष जीतता है, टीएमस पार्टी के लोग विपक्ष पर हमला करते हैं। टीएमसी सबकुछ अपने कब्जे में लेना चाहती है। वो झूठे मामले लगा रहे हैं। हमारे पार्टी मेंबर मारे गए हैं। बंगाल में हालात बुरे से बुरे होते जा रहे हैं।