मोदी सरकार की आलोचना वाली रिपोर्ट अगर ग़लती से छप जाए, तो कुछ इस सफ़ाई से हटाती है गोदी मीडिया

टाइम्स ऑफ इंडिया जयपुर एडिशन ने 14 सितंबर, 2017 को प्रकाशित हुई एक रिपोर्ट को कुछ घंटों के भीतर ही हटा दिया। इस रिपोर्ट में बीजेपी सरकार की ‘प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना’ की आलोचना की गई थी।

रोसमा थॉमस द्वारा की गई इस रिपोर्ट में बताया गया था कि कैसे इस योजना के ज़रिए राजस्थान के दुर्भाग्यपूर्ण किसानों को ठगा गया। यह योजना 2016 में लॉन्च की गई थी और इससे अब तक सिर्फ बीमा कंपनियों को ही फायदा पहुंचा है।

टीओआई की यह रिपोर्ट सिर्फ मोदी सरकार को नहीं बल्कि राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को भी शर्मिंदा करने वाली थी, जिन्होंने हालिया महीनों में अपने राज्य में किसानों के ऐतराज़ का सामना किया है।

थॉमस ने द वायर को बताया कि उन्हें ‘धोखाधड़ी’ शब्द को निकालने के लिए कहा गया था, जो मूल रूप से कॉपी का हिस्सा नहीं था, इसे एडिट करते हुए डेस्क द्वारा जोड़ा गया था और अधिकारियों से हवाला लिया गया था। हालांकि, इन अनुरोधों को मानने के बाद भी रिपोर्ट छपी थी।

जयपुर टीओआई के रेसिडेंट एडिटर कुणाल मजूमदार ने कहा, “हम इस रिपोर्ट के इंट्रो से खुश नहीं थे। इसके बावजूद रिपोर्ट उनके संस्करण में प्रकाशित हुई थी और जयपुर ब्यूरो की रिपोर्ट्स की लिस्ट में शामिल हो गई थी जो कि उनकी मंज़ूरी के साथ ‘टाइम्स न्यूज नेटवर्क’ (टीएनएन) का हिस्सा बन गई।

दिलचस्प बात यह है कि टीओई की सिस्टर पब्लीकेशन नवभारत टाइम्स ने इस रिपोर्ट को अपने ‘गुड गवर्नेंस’ सेक्शन में प्रकाशित किया, जो कि अभी भी वेबसाइट पर उपलब्ध है।

यह कोई पहला मामला नहीं था जब टीओआई ने किसी सत्ता विरोधी रिपोर्ट को हटाया हो, इससे पहले जुलाई में प्रकाशित हुई उस रिपोर्ट को हटाया गया था, जिसमें पिछले पांच सालों में अमित शाह की संपत्ती में 300 फीसदी इज़ाफे का खुलासा था।

खबरों के मुताबिक, टीओआई ने 27 जुलाई के अपने उन ट्वीट्स और फेसबुक पोस्ट्स को डीलीट किया था, जो कि स्मृति इरानी के MPLAD फंड्स मामले से संबंधित थे।