लोकसभा चुनाव के वक्त पश्चिम बंगाल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जो कहा था वो अब सच साबित होने वाली है और बंगाल में ममता का कुनबा बिखरने वाला है। ममता बनर्जी को लोकसभा चुनाव में मिले झटके बाद आज एक और बड़ा झटका लग सकता है।
इंडिया टीवी न्यूज़ डॉट कॉम के अनुसार, ममता की पार्टी से हाल ही में सस्पेंड हुए मुकुल रॉय के बेटे और विधायक सुभ्रांशु रॉय बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। सिर्फ शुभ्रांशु ही बीजेपी में शामिल नहीं हो रहे हैं बल्कि उनके साथ कई विधायक और एक दर्जन से ज्यादा स्थानीय पार्षद भी हैं।
बंगाल में ममता बनर्जी की जमी जमाई राजनीति को नरेन्द्र मोदी ने लोकसभा चुनाव में हिला कर रख ही दिया था और अब जो बचा है आज वो भी टूटने वाला है।
एक दो नहीं 10 से ज्यादा बंगाल के काउंसलर दिल्ली में बीजेपी का दामन थामने वाले हैं। आज अगर टीएमसी के दो-चार विधायक भी बीजेपी के साथ चले जाएं तो किसी को हैरानी नहीं होनी चाहिए।
सुभ्रांशु रॉय, मुकुल रॉय के बेटे हैं। वो मुकुल रॉय जो कभी ममता के दाहिने हाथ हुआ करते थे लेकिन शारदा घोटाले में नाम आने और जांच के लिए केंद्रीय एजेंसियों के प्रेशर के आगे ऐसे टूटे कि ममता को बंगाल से जड़ से उखाड़ने में बीजेपी के सबसे बड़े हथियार बन गए हैं। मुकुल रॉय ने 2018 में बीजेपी का झंडा थाम लिया था और अब उनके बेटे सुभ्रांशु रॉय मोदी नाम के नारे को बुलंद करने वाले हैं।
सुभ्रांशु रॉय ने बंगाल में लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी के पक्ष में बहुत काम किया था इसलिए ममता ने उन्हें 6 साल के लिए सस्पेंड कर दिया और जब सस्पेंड कर दिया तो वो दिल्ली आ गए ममता के विरोधियों को लेकर। दिल्ली पहुंचने पर उन्होंने कुछ बताया तो नहीं कि उनके साथ और कौन-कौन बीजेपी में शामिल होने वाला है।
बंगाल से दिल्ली तक जो खबर फैली है उसके मुताबिक आज टीएमसी के दो से चार विधायक बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। इनके साथ एक दर्जन से ज्यादा काउंसलर बीजेपी में शामिल हो सकते हैं और 200 से ज्यादा ऐसे कार्यकर्ता बीजेपी में शामिल हो सकते हैं जो बंगाल में ममता की मजबूरियों और कमजोरियों को जानते हैं।
बंगाल का दंगल चुनाव में सबसे बड़ा रणक्षेत्र बन गया था। कोरबो और जीतबो से ज्यादा लड़बो लड़बो लड़बो का नारा गूंज रहा था। परिणाम आया तो ममता के दावे, मोदी की आंधी में उड़ गए और जो अब मोदी ने कहा था वो हकीकत होने वाला है।
सूपड़ा साफ कैसे होता है, मोदी की प्रचंड जीत ने ममता को बता दिया है। ममता के काउंसलर, ममता के विधायकों को भी अब ममता के तिलिस्म और उनके जादू पर ऐतबार नहीं। मोदी के 40 विधायकों वाली बात सच हो गई तो बंगाल में ममता की पहाड़ जैसी मजबूत साख, राख में बदल जाएगी।