दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सफदरजंग एनक्लेव के हुमायूंपुर गांव में 15 वीं शताब्दी के एक छोटे मकबरे को कथित तौर पर मंदिर में तब्दील करने की घटना की जांच का शुक्रवार को आदेश दिया है। सिसोदिया ने कला, संस्कृति एवं भाषा विभाग (एसीएल) की सचिव को आज रिपोर्ट जमा करने का भी निर्देश दिया। उपमुख्यमंत्री ने सचिव को दिए अपने आदेश में कहा कि धरोहर संपत्ति को नुकसान पहुंचाना कानून के खिलाफ है और एक गंभीर अपराध है।
सचिव (एसीएल) घटना के ब्योरे और उनके द्वारा की गई कार्रवाई की जानकारी देते हुए कल तक एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपे। उन्होंने कहा, यह न केवल विरासत से संबंधित कानूनों का उल्लंघन करता है बल्कि क्षेत्र में शांति और सद्भाव को परेशान करने का प्रयास भी करता है। सिसोदिया ने शुक्रवार को द इंडियन एक्सप्रेस में एक रिपोर्ट पर संज्ञान लिया जिसमें कहा गया है कि तुगलक काल का बना मकबरा रातों रात मंदिर में बदल गया। भारतीय राष्ट्रीय ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड सांस्कृतिक विरासत (आईएनटीएसीएच) का दिल्ली अध्याय पिछले साल स्मारक विभाग के सहयोग से स्मारक को बहाल करना था।
कार्यालय के प्रमुख विकास पुरातत्व (पुरातत्व विभाग) ने कहा, “जब इंटैच और हमारा विभाग पिछले साल जून में साइट पर गया, तो निवासियों ने परेशानी की, इसलिए हमने पुलिस से संपर्क किया और उन्होंने हमें प्रतीक्षा करने के लिए कहा। मार्च में फिर से स्मारक से संपर्क करने पर हमें बताया गया कि दिल्ली में सीलिंग ड्राइव के कारण पुलिस बल यहां तैनात नहीं किया जा सका। हमने इसके बारे में डीसीपी (दक्षिण) को एक पत्र भी लिखा।
इंडियन एक्सप्रेस के मकबरे का दौरा करने के एक दिन बाद सफेद और भगवा रंग में रंग दिया गया। क्षेत्र की बीजेपी पार्षद राधिका अब्रोल फोगत के नाम पर दो बेंच हटा दिए गए थे। मंदिर के प्रवेश द्वार पर एक फाइबर ग्लास रखा गया है। क्षेत्र के निवासी अनिल (52) ने कहा कि सुबह में कुछ लोग आए और कुर्सियों को हटा दिया और मंदिर के प्रवेश द्वार को ढक लिया।