नई दिल्ली: ईपीएफओ (इम्प्लोई प्रोविडेंट फंड ओर्ग्नाईजेशन) की वेबसाइट से अब करीब 2.7 करोड़ लोगों का डेटा लीक हो जाने का मामला सामने आया है। इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय को लिखे गए एक खत के मुताबिक हैकर्स ने ईपीएफओ की वेबसाइट से आधार सीडिंग पोर्टल से डेटा लीक करा दिया है।
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इसका कारण बताया जा रहा है कि ईपीएफओ की वेबसाइट में कमज़ोरी है, जिस वजह से हैकर्स आराम से वेबसाइट हैक करक नीजि जानकारी निकाल रहे हैं। ईपीएफ (इम्प्लोई प्रोविडेंट फंड) एक तरह का निवेश होता है। इससे सरकारी या गैरसरकारी संगठन में काम कर रहे कर्मचारियों की सैलेरी से करीब 12 प्रतिशत कट कर इस फंड में जमा हो जाता है। वैसी कंपनी जहां 20 से ज़्यादा लोग काम कर रहे हों, वहां पर ही ये निवेश होता है।
अब अगर कोई किसी कंपनी में काम कर रहा है और उसका खाता ईपीएफओ में है तो उसकी सारी जानकारी वेबसाइट तक पहुंचेगी ही। इस वजह से नीजि जानकारियों के साथ साथ सैलेरी वगैरह सारी चीज़ें कोई भी हैक करके निकाल सकता है। इस हैक की जानकारी आने के बाद ईपीएफओ ने अपने एक ऑनलाइन सामान्य सेवा केंद्र के ज़रिये प्रदान की जाने वाली सेवा रोक दी है। अभी इस मामले की जांच चल रही है।
आपको बता दें कि आधार कार्ड की सुरक्षा और उसे विभिन्न सरकारी दस्तावेजों से लिंक कराने का मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। सुप्रीम कोर्ट ये तय करने वाला है कि आधार कार्ड से लोगों की निजता को खतरा है या नहीं।
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