गुलबर्गा मुस्लिम यूनिटी मोर्चे और स्थानीय रजा अकादमी के तत्वावधान में सैकड़ों मुस्लिम महिला एवं पुरुषों ने तीन तलाक़ बिल के विरोध प्रदर्शन किया और उन्होंने इसको संसद के शीतकालीन सत्र में पेश करने का विरोध किया।
उन्होंने मोदी सरकार के इस कदम के खिलाफ नारेबाजी की और तीन तलाक़ विधेयक को पेश करने के खिलाफ आवाज उठाई। इस मौके पर रैली को संबोधित करते हुए गुलबर्गा मुस्लिम यूनिटी के अध्यक्ष जवाद अली ने कहा कि मुस्लिम समुदाय सरकार के इस कदम को जोरदार विरोध कर रहा है, जो शरीयत के खिलाफ है।
प्रस्तावित मुस्लिम महिला (विवाह पर अधिकारों का संरक्षण) विधेयक 2017 के प्रावधान काफी आपत्तिजनक हैं। तीन तलाक़ विधेयक में दंड और जेल की सजा का प्रावधान किया गया है और पत्नी को बच्चों की रखने का मार्ग प्रशस्त किया गया है।
उन्होंने कहा तलाक स्वयं निरस्त हो जाता है और यहां सजा का दायरा है। साथ ही केंद्र सरकार पर मुस्लिम पर्सनल कानून में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाते हुए अली ने कहा कि पूरा मुस्लिम समुदाय इसका विरोध करेगा। बाद में प्रदर्शनकारियों ने तीन तलाक बिल को वापस लेने की मांग समबन्धी जिलाधिकारी को एक ज्ञापन सौंपा।
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