‘तीन तलाक’, पीड़िता सोफिया को योगी सरकार ने बनाया अल्पसंख्यक आयोग सदस्य

योगी सरकार ने मंगलवार को अल्पसंख्यक आयोग के गठन की जो अधिसूचना जारी की है उसमें बड़े ही करीने से तीन तलाक के अजेंडे को आगे बढ़ाया गया है। सरकार ने कानपुर की रहने वाली सोफ़िया अहमद  को अल्पसंख्यक आयोग का सदस्य बनाया गया है। सोफिया को उनके पति ने तीन तलाक देकर घर से निकाल दिया था।

सोफिया अहमद ने विधानसभा चुनाव के पहले बीजेपी की सदस्यता ली थी। उनका कहना है कि उन्होंने अल्पसंख्यक आयोग की सदस्यता के लिए न कोई आवेदन किया था और न ही किसी से कोई संपर्क किया था। वह खुद तीन तलाक की भुक्तभोगी रही हैं। ऐसे में वह सदस्य के तौर पर इस मसले से पीड़ित महिलाओं की मदद के लिए काम करती रहेंगी।

एसपी विधायक के भाई से हुई थी शादी
सोफिया बताती हैं कि उनके माता-पिता चेन्नै में रहते हैं। उनकी शादी कानपुर के कर्नलगंज निवासी शारिक आराफात से हुई थी। शारिक देवरिया के रामपुर कारखाना से तत्कालीन एसपी विधायक गजाला लारी के भाई हैं। इस निकाह में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, शिवपाल यादव सहित कई कैबिनेट मंत्रियों ने भी शिरकत की थी। सोफिया का आरोप है कि नशे में धुत होकर उनके पति ने उन्हें तीन तलाक बोलकर घर से निकाल दिया था। बता दें कि जून 2015 में उनकी शादी हुई थी। अगस्त 2016 में ही पति ने 3 तलाक दे दिया था।

सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद दर्ज हुआ मुकदमा
सोफिया ने इस मामले में पुलिस में शिकायत की थी लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। मामले को राजनीतिक तूल मिला तो घरेलू हिंसा का मुकदमा दर्ज किया गया। हालांकि बाद में सोफिया ने बीजेपी की सदस्यता ले ली। सुप्रीम कोर्ट के एक साथ तीन तलाक पर रोक लगाने के फैसले के बाद पिछले साल 23 अगस्त को सोफिया की तहरीर पर पूर्व विधायक, उनके भाई और अन्य रिश्तेदारों पर उत्पीड़न व अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया।

आसान होगा कानून की जरूरत समझाना
सोफिया के जरिए योगी सरकार और बीजेपी ने तीन तलाक खत्म करने के अभियान को धार देकर मुस्लिम महिलाओं में पैठ बनाने की ओर कदम बढ़ाया है। सोफिया पहले भी एसपी अध्यक्ष अखिलेश यादव के खिलाफ अपने उत्पीड़न को लेकर मुखर रही हैं। अगर वह इस मुद्दे को लेकर महिलाओं के बीच में जाएंगी तो खुद उनके पीड़ित रहने के चलते विषय को समझाना आसान होगा। सोफिया का कहना है कि तीन तलाक के मसले पर पहल कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाखों मुस्लिम महिलाओं के हक में काम किया है।