ईरान के वरिष्ठ अधिकारी और सैन्य कमांडरों ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा ईरान के राष्ट्रपति से बिना शर्त मुलाकात करने का प्रस्ताव ठुकरा दिया है. उन्होंने कहा कि ये एक सपना है। अमेरिका ने ईरान पर कई तरह के प्रतिबन्ध लगाए है।
साथ ही ईरानी राष्ट्रपति हसन रूहानी ने कहा कि 2015 में हुए न्यूक्लियर डील को ट्रंप द्वारा तोड़ना ‘गैर-कानूनी’ था। उन्होंने अमेरिका द्वारा ईरान के तेल निर्यात पर हर तरह से रोक लगाने के सामने ईरान किसी तरह से भी नहीं झुकेगा।
फ़ार्स न्यूज़ एजेन्सी की रिपोर्ट के अनुसार विदेशमंत्री मुहम्मद जवाद ज़रीफ़ ने यह बयान करते हुए कि धमकियां, प्रतिबंध और प्रोपेगैंडों का कोई लाभ नहीं है, कहा कि केवल अमरीका ही ख़ुद को परमाणु समझौते से निकलने और वार्ता की मेज़ छोड़ने का ज़िम्मेदार क़रार दे सकता है।
विदेशमंत्री श्री जवाद ज़रीफ़ ने अमरीकियों को सलाह दी है कि वह ईरानियों और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं का सम्मान करें।
याद रहे अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरान के खिलाफ शत्रुतापूर्ण बयानबाज़ियों के बाद सोमवार को वाइट हाउस में इटली के प्रधानमंत्री के साथ संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि वह बिना किसी शर्त के ईरानी नेताओं के साथ वार्ता पर तैयार हैं।
ईरान से वार्ता पर तैयारी पर आधारित अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प का यह बयान एेसी स्थिति में सामने आया है कि उन्होने 8 मई को ईरान पर निराधार आरोप लगाते हुए परमाणु समझौते से निकलने की घोषणा की थी और तीन से छह महीने के भीतर ईरान के विरुद्ध प्रतिबंधों को लौटाने का निर्देश दिया था। ट्रम्प की इस कार्यवाही की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कड़ी आलोचना हो रही है।