अमेरिका ने एक बार फिर पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ कड़े कदम उठाने का संदेश दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर जहां भारत के साथ रिश्तों को मजबूत करने की बात कही तो दूसरी ओर अफगानिस्तान की अभी और मदद का आश्वासन भी दिया। भारतीय प्रधानमंत्री और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की दोस्ती का असर अब साफ दिखने लगा है।
हालांकि अमेरिका को अफगानिस्तान में दाखिल हुए 16 साल हो चुके हैं। उसके इतिहास के सबसे लंबे युद्ध में तालिबान और हक्कानी नेटवर्क को खत्म करने में उसे कोई उल्लेखनीय सफलता नहीं मिली।
ट्रंप ने कहा हम इराक में अपने पूर्व नेताओं द्वारा की गई गलतियों को नहीं दोहराने वाले। आतंकवादी सिर्फ ठग, अपराधी और दरिंदे हैं। जल्दबाजी में निकल जाने पर एक वैक्यूम बनेगा जिसे ISIS और अलकायदा तेजी से भरेंगे। जिस तरह यह 11 सितंबर से पहले हुआ था। ट्रंप ने आगे कहा, “पाकिस्तान अफगानिस्तान में हमारे प्रयासों की मदद से काफी लाभ कमा सकता है।”
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक प्रस्ताव पर हस्ताक्षर कर अफगानिस्तान में 4,000 और अधिक अमेरिकी सैनिकों को भेजे जाने की मंजूरी दे दी है।
फॉक्स न्यूज चैनल ने एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी के हवाले से आज इस बात की जानकारी दी। फॉक्स न्यूज चैनल की यह रिपोर्ट ट्रम्प के राष्ट्र को संबोधित करने से पहले आई है। ट्रम्प अपने भाषण में देश के लोगों को अफगानिस्तान और दक्षिण एशिया को लेकर बनाई जाने वाली अमेरिकी रणनीति के बारे में जानकारी देंगे।