लखनऊ: अमीनाबाद में जिस टुंडे कबाब की दुकान पर सुबह से शाम तक सैकड़ों लोगों की भीड़ लगी रहती थी, बूचड़खानों पर सरकार की कार्यवाई के बाद अब वहां सन्नाटा छाया हुआ है।
टुंडे कबाब के मालिक मोहम्मद उस्मान का मानना है कि जो बादशाह होता है उसे सबके बारे में सोचना चाहिए और सोच समझकर फैसला लेना चाहिए, सरकार जो फैसला लेगी उससे सबका साथ और सबका विकास होना चाहिए। सरकार को साफ़ बुचडखाने बनवाने चाहिए, अचानक किसी बुचडखाने पर कार्रवाई नहीं करनी चाहिए। इसके लिए नये क़ानून लाने चाहिए।
उसके मुताबिक़ कबाब बनाने में भैंस का मांस इस्तेमाल किया जाता है और रोजाना 40 क्विंटल मांस का कबाब ‘उसकी पुश्तैनी दुकान जो उसके दादा ने शुरू की थी’ बनता है। लेकिन आज स्तिथि यह है कि 2 क्विंटल भी मांस मार्केट में उपलब्ध नहीं है जिस वजह से 4 दिन से उनकी दूकान बंद है, वह रोजाना 60-70 हज़ार रुपए का कारोबार कर लेते हैं।