नई दिल्ली: मौजूदा दौर में तुर्की एक विशाल आर्थिक शक्तिशाली देश के रूप में उभर रहा है। तुर्की आज आर्थिक शक्ति के मामलों में दुनिया के 16 वें देश में गिना जाता है। इसी वजह से कई देशों के लोग पर्यटन, शिक्षा और अन्य जरूरत की वजह से इसकी ओर आकर्षित होते हैं। भारत में तुर्की राष्ट्रपति का आगमन दोनों देश के रिश्तों को मज़बूत करेगा।
यह बात तुर्की के विशेषज्ञ सलाहकार अहमद कमाल ने कही। उन्होंने कहा कि तुर्की सरकार हर साल 5 हजार छात्रों को अपने देश में पढाई करने के लिए स्कॉलरशिप देती है।
देश की प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी जामिया मिल्लिया इस्लामिया के कई छात्र पिछले कई सालों से इसी स्कॉलरशिप पर तुर्की जाकर तालीम हासिल कर रहे हैं।
अहमद कमाल ने दुख ज़ाहिर करते हुए कहा कि भारत से बहुत कम छात्र स्कॉलरशिप फार्म भरते हैं, जिसकी वजह से यहाँ के छात्रों की संख्या बेहद कम है। उन्होंने कहा कि स्कॉलरशिप के लिए चुने गए छात्रों को वहाँ की टॉप यूनिवर्सिटी में एडमिशन दिया जाता है।
अभी वहाँ लगभग 17 हजार विदेशी छात्र हैं, जिनमें से ज़्यादातर स्कॉलरशिप पाकर पढाई कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि विदेशी छात्रों की सुरक्षा का पूरा इंतज़ाम किया जाता है।
उन्होंने कहा कि कोई भी छात्र किसी भी विभाग में दाखिला ले सकता है चाहे वह सोशल साइंस, इंजीनियरिंग, मेडिकल, तुर्की लैंग्वेज या फिर अन्य फैकल्टी।
अगर किसी छात्र को तुर्की में पढाई करनी है तो वह www.turkiyescholarship.gov .tr वेबसाईट पर जाकर पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। हम अपने देश में आने वाले छात्र-छात्राओं का स्वागत करेंगे।