फोर्ब्स 2017 के लिस्ट में अरब देशों के 50 सबसे प्रभावशाली CEO में AMU के दो पूर्व छात्र

मशहूर पत्रिका फोर्ब्स ने शुक्रवार को साल 2017 का शीर्ष व्यापार जगत के जुड़े नामों की घोषणा की। पत्रिका ने मध्य पूर्व में 50 सबसे शक्तिशाली भारतीय मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) की सूची प्रकाशित की।

पत्रिका के फेहरिस्त में पेप्सीको एसिया के सीईओ संजीव चढा पहले स्थान पर, मध्य पूर्व और अफ्रीका के सबसे टॉप बैंकिंग सेवा देनी वाली कंपनी दोहा बैंक के सीईओ राघवन सीतारामन दूसरे स्थान पर और दुबई इस्लामिक बैंक के अदनान चिल्वान तीसरे स्थान पर रहे।

यूनिलीवर के संजीव कक्कर और मास्टरकार्ड के रघु मल्होत्रा ​​ने अगले दो स्थानों पर जीत दर्ज की। जबकि, अलीगढ़ में जन्मे तारिक चौहान छठे नंबर पर रह, जो ईएफएस फैकल्ज सर्विस ग्रुप के सीईओ हैं।

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के छात्र तारिक चौहान की कहानी लोगों के लिए काफी प्रेरणादायक है। जब 2009 में तारिक ईएफएस फैकल्ज सर्विस ग्रुप जॉइन किया तब संयुक्त अरब अमीरात भी दुनिया के बाकी देशों की तरह वैश्विक मंदी से गुजर रहा था। इसके बावजूद उन्होंने कंपनी को 100 डॉलर के राजस्व से बढ़ाकर एक अरब अमेरिकी डॉलर कर दिया। इनके नेतृत्व में कंपनी ने काफी तरक्की किया। आज कंपनी के मुख्य ग्राहकों में एप्पल और एचएसबीसी जैसी कंपनियां शामिल हैं।

एक अखबार से बीतचित के दौरान तारिक चौहान ने कहा, “मैं ईमानदार इलिट लीग में शामिल करने के लिए वास्तव में विनम्र हूं, जिसमें पेप्सिको, मास्टरकार्ड और केपीएमजी के सीईओ हैं। मुझे हमेशा से मेरे माता-पिता ने लोगों के जीवन पर प्रभाव डालने के लिए सिखाया। ऐसा प्रभाव जो दूसरों से हमें अलग बनाता हो। हमलोग बहुत ही साधारण पृष्ठभूमि से आए हुए लोग है। लेकिन आज मैं एक कंपनी का प्रबंधन करता हूं, जो 20 देशों में 18,000 कर्मचारी के साथ काम करता है।”

वहीं दूसरी तरफ एएमयू के ही पूर्व छात्र जिन्हें फोर्ब्स पत्रिका अपने लिस्ट में शामिल किया है वो असिम अरशद है। इसके जिंदगी भा बेहद प्रेरणादायक है। अरशद ओरिएंट ट्रैवल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं। चौहान की तरह उन्होंने भी अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्र रहे।

अरशद ने साल 2014 के वर्ल्ड ट्रेवल अवार्ड्स में कहा था, “हम ऐसे संगठन हैं जो  लोगों द्वारा संचालित होता है। हम लोगों पर विश्वास करते हैं और वे हमें कुछ देते हैं….आपको प्रतिस्पर्धा को किनारे रखना होगा। आपको नए विचार रखने होंगे। आपको प्रौद्योगिकी में निवेश करना होगा और हमारे लिए और आपके लिए हमने एक ग्रेट ऑर्गेनिक डेवेल्पमेंट किया है।”

चौहान और अरशद ने एक फिर से एएमयू को मुख्यधारा में ला दिया है। यह बताता है कि यह संस्था ने हमारे देश को क्या दिया है, विशेषकर युवाओं और अल्पसंख्यक समूदाय के लोगों को। फोर्ब्स की लिस्ट में एक साथ दो एएमयू छात्रों का नाम आना इस बात की दलील है कि इस यूनिवर्सिटी के शिक्षा की गुणवत्ता क्या है।