मस्जिद को ‘आतंकवाद’ से जोड़ना कंपनी को पड़ा महंगा, माफ़ी के साथ अब देना होगा हर्जाना

लंदन: वित्तीय सूचना कंपनी रायटर ने बुधवार को उत्तरी लन्दन की एक मस्जिद को ‘वर्ल्ड-चेक डेटाबेस’ में गलत तरीके से ‘आतंकवाद’ से जोड़ कर दिखाए जाने पर माफ़ी मांगी है. इस गलती की वजह से मस्जिद को जो नुकसान पहुंचा है, उसका हर्जाना भरने की बात भी कंपनी ने कही है. बता दें कि इस डेटाबेस का प्रयोग दुनिया के सभी बड़े बैंक करते है. और डेटाबेस में गलत जानकारी जुड़ जाने के बाद फ़िन्सबरी पार्क मस्जिद की सारी सुविधाएं, एचएसबीसी बैंक द्वारा 2014 में रद्द कर दी गई थी. इस दौरान कई अन्य मुस्लिम व्यक्तियों, चैरिटी और संगठनो के खाते एचएसबीसी बैंक द्वारा बंद कर दिये गई थे. बैंक इस सूची का इस्तेमाल ग्राहकों से जुड़े जोखिम का आंकलन करने के लिए किया करते हैं. इस बारे में फ़िन्सबरी पार्क मस्जिद के अध्यक्ष मोहमद कोजबर ने बताया, “वर्ल्ड-चेक ने आज कोर्ट में खुले तौर पर पुष्टि की है कि उसने अपने डेटाबेस में मस्जिद को आतंकवाद से जोड़ने के सारे दावो से मुक्त कर दिया है| उन्होंने आगे कही कि मस्जिद के खिलाफ झूठे आरोपो को प्रकाशित करने के लिए खेद भी व्यक्त किया है और हमें हुए नुकसान के अलावा इस मामले में लगे कानूनी खर्चे का भुगतान करने पर भी कंपनी ने सहमती दी है.