नरसंहार नहीं रुका, तो म्यांमार में 2.5 लाख रोहिंग्या मुसलमानों की जिंदगी होगी प्रभावित: UN

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने म्यांमार से रोहिंग्याओं के खिलाफ सैन्य कार्रवाई रोकने को कहा है। उनके अनुसार म्यांमार के उत्तरी इलाके में रोहिंग्या मुसलमानों पर हो रही हिंसा मध्य भाग में फैल सकती है। इससे हालात और बिगड़ने की आशंका है, क्योंकि मध्य म्यांमार में करीब 2.5 लाख रोहिंग्या मुसलमान रहते हैं।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस का यह बयान उस समय आया है जब अमेरिका ने भी संयुक्त राष्ट्र के आरोप का समर्थन किया है। अमेरिका के अनुसार भी रोहिंग्या शरणार्थि‍यों का यह मामला धर्म के आधार पर जातीय नरसंहार है।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने बताया कि यूएन को म्यांमार छोड़ने वाले बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों की कई ऐसी आपबीती मिली हैं जो रुह को कंपाने वाली हैं। यह सारे बयान इशारा करती हैं कि म्यांमार में हिंसा और मानवाधिकार उल्लंघन का दौर जारी है।

आपको बता दें कि 8 साल में पहली बार संयुक्त राष्ट्र के सुरक्षा परिषद में म्यांमार पर पब्लिक बैठक हुई। इस दौरान संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने यह बातें कही। उनके अनुसार हिंसा की वजह से यह मामला तेजी से वैश्व‍िक शरणार्थी आपातकाल बन गया है।

बता दें कि 5 लाख से ज्यादा रोहिंग्या मुस्लिमों ने बांग्लादेश में शरण लिया है। अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, सेनेगल, मिस्र और कजाकिस्तान ने सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाई थी। इसी के दौरान महासचिव ने यह बातें रखी।