यूनाइटेड नेशन (संयुक्त राष्ट्र) मानवाधिकार कार्यालय ने मंगलवार को सऊदी अरब से महिला अधिकार कार्यकर्ताओं और अन्य कार्यकर्ताओं को हिरासत में जाने की पूरी रिपोर्ट मांगी है। साथ ही UN ने गिरफ्तार महिला कार्यकर्ताओं की उचित प्रक्रिया का अधिकार सुनिश्चित करने की मांग की है।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रवक्ता लिज़ थ्रोसेल ने सऊदी अधिकारियों से 12 मई को कुवैत से निर्वासित होने के बाद नवाफ तालाल रशीद लापता होने की सूचना मिली थी और सऊदी राजकुमार नवाफ तलाल राशिद के बारे में जानकारी देने की बात कही है। साथ ही यूनाइटेड नेशन ने सऊदी से क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की जानकारी की मांग की है।
हारेतज़ के मुताबिक, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रवक्ता लिज़ थ्रोसेल ने जिनेवा ब्रीफिंग को बताया कि, UN ने सऊदी से गिरफ्तार महिला कार्यकर्ताओं के कानूनी प्रतिनिधित्व का अधिकार, उनकी गिरफ्तारी के कारण, उनके खिलाफ आरोपों की प्रकृति, उनके परिवारों तक पहुंच का अधिकार और सक्षम, स्वतंत्र और निष्पक्ष न्यायाधिकरण के सामने लाए जाने का अधिकारों की पूरी जानकारी मांगी है।
हालांकि, सऊदी अरब के सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वी ईरान ने स्पष्ट रूप से एमबीएस की मौत की अफवाहें फैलाई हैं, रियाद के अधिकारियों ने भी रहस्यमय तरीके से अफवाहों को खत्म करने के लिए कुछ नहीं कहा।
इससे कई सारे सवाल देश वासियों के मैन में पैदा होते हैं। क्या सऊदी सरकार इन दावों को खारिज करने की जगह इसलिए चुप है क्योंकि यह बयान काफी विचित्र और अटपटे हैं? या फिर सच में मोहम्मद बिन सलमान 21 अप्रैल को शाही महल में हुए हमले से घायल हो गए?
ईरान के कायहान अख़बार ने लिखा था की “रियाद में 21 अप्रैल को हुए हमले में बिन सलमान को कम से कम दो गोलियां लगी है और यह भी संभव है कि वह मर चुका है।” ईरानी अखबार ने दावा किया है की सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मुहम्मद बिन सुल्मान के लगभग 30 दिनों की अनुपस्थिति का सुझाव देने के लिए बहुत सारे सबूत हैं।
ईरानी अखबारों के बाद यह खबर वैश्विक स्तर पर फ़ैल गयी, दुनिया भर के देशों के मीडिया ने इस अफवाह पर खबर बनाना शुरू कर दिया था।
जैसा की कुछ महीने पहले बिन सलमान ने एक इंटरव्यू में कहा था की उन्हें किसी से डर नहीं लगता है केवल मौत ही उनके सुधार अभियान को रोक सकती है।
साभार- ‘वर्ल्ड न्यूज अरेबिया’