गोरक्षकों की पिटाई के शिकार दलित परिवारों ने किया धर्म बदलने का फ़ैसला

कथित रूप से गोरक्षकों द्वारा गुजरात के ऊना तहसील में पीटे जाने वाले दलित परिवार ने बौद्ध धर्म अपनाने का फैसला किया है। बता दें की पिछले साल जुलाई में मोटा समधियाला गांव के सात दलितों को मरी हुई गाय की खाल उतारने पर कथित रूप से पीटने के साथ ही गांव में घुमाया गया था।

बाद में इनमें से चार दलित युवकों को उना शहर ले जाया गया, जहां उन्हें वाहन से बांध दिया गया और गोरक्षकों ने कथित तौर पर उनकी पिटाई की। इस दलित परिवार के एक सदस्य ने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार ने पीडि़तों को नौकरी और जमीन का एक टुकड़ा देने का अपना वादा पूरा नहीं किया।

गोरक्षकों के समूह ने जिन तीन भाइयों की पिटाई की थी उनमें से सबसे बड़े भाई वशराम सरवैया ने कहा, हमने बौद्ध धर्म अपनाने का फैसला किया है, क्योंकि मत पशुओं की खाल उतारने के अपने पारंपरिक पेशे की वजह से हमें काफी भेदभाव का सामना करना पड़ा है।

गोरक्षकों ने 11 जुलाई 2016 को मत गायों की खाल उतारने पर उनके गांव के पास इन तीन भाइयों के साथ उनके पिता की कथित तौर पर पिटाई की थी। उन्होंने पीटीआई—भाषा से कहा, हमने तारीख तय नहीं की है, लेकिन हमने समुदाय के सदस्यों को साथ आने और बड़ी संख्या में बौद्ध धर्म अपनाने को कहा है।

इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद पूरे देश से कड़ी प्रतिक्रिया सामने आई थी। दलित परिवार के एक सदस्य ने आरोप लगाया कि सरकार ने नौकरी और जमीन का टुकड़ा देने का अपना वादा पूरा नहीं किया।

पीड़ित वाशराम सरवैया ने कहा, ‘अपने पारंपरिक काम के कारण हमें बहुत भेदभाव झेलना पड़ रहा है, इसलिए हमने बौद्ध धर्म अपनाने का फैसला किया है।’ वाशराम ने कहा, ‘हमने अभी तारीख तय नहीं की है लेकिन हमने अपने समुदाय के सदस्यों से एक साथ आने और बौद्ध धर्म स्वीकार करने को कहा है। ’