दुबई में आलिशान घर खरीदने वाले 7500 भारतीयों की आयकर विभाग ने शुरू की जांच

आयकर विभाग ने कम से कम 7500 भारतीयों के खिलाफ आयकर जांच शुरू की है। ये वो लोग हैं जिन्होंने पिछले कुछ वर्षों में दुबई में हाई एंड और लक्जरी संपत्तियां खरीदी हैं। कर विभाग की खुफिया और आपराधिक जांच (आई और सीआई) शाखा ने उन भारतीय नागरिकों का डेटा निकाला है जिन्होंने दुबई में रियल एस्टेट में निवेश किया है। कर प्राधिकरण भी इस बात जांच कर रहा है कि भारतीयों द्वारा अधिग्रहित इन रियल एस्टेट परिसंपत्तियों की खरीद के बारे में देश की कर एजेंसी को सूचित किया गया है या नहीं।

आलीशान प्रॉपर्टी खरीदने वालों की जांच

आयकर विभाग के अनुसार 2018 के पहले तीन महीनों में कम से कम 1387 भारतीय नागरिकों ने दुबई में 1550 अचल सम्पतियों में निवेश के जरिए कम से कम 300 करोड़ का लेनदेन किया है। 2017 में भारतीय निवेशकों ने दुबई में 15.6 बिलियन अमीरात दिरहम का निवेश किया। दुबई भूमि विकास विभाग के आंकड़ों के अनुसार 2013 और 2017 के बीच पांच वर्षों में भारतीय नागरिकों ने दुबई में 83.65 बिलियन अमीरात दिरहम की सम्पतियां खरीदी हैं। हालांकि भारतीय कानूनों के तहत, भारतीयों के लिए दुबई में संपत्ति का स्वामित्व गैरकानूनी नहीं है। बता दें कि 1999 के विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम के अनुसार निवासी और अनिवासी भारतीयों को विदेशों में अचल संपत्तियों की खरीद-फरोख्त की अनुमति है। भारतीय रिजर्व बैंक की उदारीकृत निवेश नीतियों के तहत एक निवासी भारतीय व्यक्ति विदेशों में संपत्तियों और प्रतिभूतियों में सालाना $ 250,000 तक निवेश कर सकता है। हालांकि भारतीय कर नियम के अनुसार वित्तीय वर्ष 2011-12 के बाद से एफए (विदेशी संपत्ति) अनुसूची के तहत आईटी रिटर्न में विदेशी संपत्तियों का खुलासा करना जरूरी है।

भारतीयों की पहली पसंद दुबई

2015 में ब्लैक मनी एक्ट लागू होने के साथ ही छुपाई गई विदेशी संपत्तियों का खुलासा न करना कानूनी जुर्म है। ब्लैक मनी एक्ट के तहत अघोषित विदेशी आय और परिसंपत्ति का कर 30 प्रतिशत पर कर लगाया जाता है। सम्पतियों के गैर-प्रकटीकरण के लिए 300 प्रतिशत तक जुर्माना लगाए जाने का प्रावधान भी है। बता दें कि भारत में विभिन्न एजेंसियों द्वारा जांच के दायरे में कम से कम ऐसे 29 भारतीयों पर कड़ी कार्रवाई की गई है जो ओपेक ऑफशोर इकाइयों और दुबई में 20 से अधिक प्रमुख रियल एस्टेट परियोजनाओं में संपत्तियों में निवेश कर चुके थे। यह जांच ऐसे छिपे निवेशों की एक वैश्विक डेटाबेस का हिस्सा था। यह डेटाबेस कई अंतर्राष्ट्रीय मीडिया संस्थानों की मेहनत का नतीजा था। इसकी रिपोर्ट के मुताबिक भारतीयों की पास पाम जुमेराह, द वर्ल्ड, मोटर सिटी, अमीरात लिविंग, दुबई मरीना, ओल्ड टाउन आइलैंड इत्यादि जैसी टॉप साइटों में 5,800 सम्पतियां हैं।