कोलकाता: यूनिफ़ॉर्म सिविल कॉड मामले में देश में जारी बहस के बीच प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ ने यहां मुसलमानों को संबोधित करते हुए कहा कि इस मामले में मुसलमान जज़्बाती न हों, बल्कि समझदारी, बुद्दि और रणनीति से काम लें… वरना वह आरएसएस के बिछाए हुए जाल में फंस सकते हैं।
न्यूज़ नेटवर्क समूह न्यूज़ 18 के अनुसार तीस्ता सीतलवाड़ ने इंस्टीट्यूट ऑफ़ ऑब्जेक्टिव स्टडीज़ (आईओएस) के 30 वें सालगिरह पर कोलकाता में दो दिवसीय संगोष्ठी में भाग लिया था.
उन्होंने कहा कि मुसलमानों को अनावश्यक मुद्दों से भ्रमित किया जा रहा है और वे उलझ भी रहे हैं। उन्होंने ट्रिपल तलाक और समान नागरिक संहिता मामले में कहा कि जब महिलाओं के लिए अदालतों का दरवाजा खुला है तो फिर ट्रिपल तलाक़ के मुद्दे पर इतना शोर क्यों किया जा रहा है।
तीस्ता ने कहा कि भारत जैसे देश में समान नागरिक संहिता लागू होना न मुमकिन है, लेकिन सरकार और आरएसएस के लोग इस मुद्दे को उठाकर मुसलमान बनाम हिंदू बना देते हैं, जब कि सरकार ने आज तक समान सिविल कोड का कोई मसौदा पेश नहीं किया है।
उन्होंने मुसलमानों को मशवरा दिया कि वह हर मामले को मुसलमान बनाम हिंदू या फिर मुस्लिम नज़रिए से देखने के बजाय भारत के एक नागरिक के नजरिए से देखें, और इस आधार पर संघर्ष करेंगे तो RSS के ध्रुवीकरण की राजनीति खुद बी खुद दम तोड़ देगी।