संयुक्त राष्ट्र की अहम बैठक के बाद इजराइल ने मस्जिदे अक्सा पर लगाए सिक्यूरिटी सिस्टम को हटाने का फैसला किया है, साथ ही तलाशी के लिए कम बाधित करने वाले आधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल करने का फैसला किया है। इस पवित्र स्थान को मुसलमान हरम शरीफ़ जबकि यहूदी टेम्पल माउंट कहते हैं।
इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतनयाहू की सुरक्षा कैबिनेट की ओर से इस मुद्दे पर फैसला मंगलवार की सुबह ली गई। प्रधानमंत्री नेतनयाहू की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि सुरक्षा कैबिनेट निरीक्षण करने के लिए नई टेक्नॉलोजी के अन्य स्रोतों का इस्तेमाल करने के सभी सुरक्षा एजेंसियों की सिफारिशों को स्वीकार करती है।
बीबीसी के अनुसार सोमवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक बंद कमरे में यरूशलेम के स्थिति को लेकर ही हुआ था। बैठक के बाद संयुक्त राष्ट्र के राजदूत निकोले मलादीनो ने कहा कि यह बहुत अहम है कि मौजूदा तनाव का समाधान आने वाले जुमा तक निकाल लिया जाए। मेरा मानना है कि अगर जुमा की नमाज़ तक इसका समाधान नहीं हुआ तो स्थिति अधिक खराब हो जाएगी।
उनका कहना था कि किसी को भी यह नहीं समझना चाहिए कि यह स्थानीय प्रकृति की घटना है। दरअसल यह क्षेत्र कुछ सौ मीटर पर ही स्तिथ है, लेकिन यह दुनिया के अरबों नहीं तो लाखों लोगों को ज़रूर प्रभावित कर रहा है।
गौरतलब है कि 14 जुलाई को मस्जिदे अक्सा पर दो इजरायली पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद इजरायली अधिकारियों की ओर से वहाँ मेटल डिटेक्टर लगाए गए थे। लेकिन फिलीस्तीनियों की ओर से इस पर विरोध किया गया था।