सीबीआई गवाह यूनुस खान का पोस्टमार्टम शनिवार आधी रात कराने के बाद पुलिस ने शव को फिर से कब्र में दफना दिया। 24 घंटे की मशक्कत के बाद पुलिस को पोस्टमार्टम कराने में सफलता मिली।
हिंदुस्तान लाइव की खबर के अनुसार, बहुचर्चित प्रकरण में पीड़िता के चाचा ने आरोप लगाया था कि यूनुस खान सीबीआई का मुख्य गवाह है। उसकी 18 अगस्त को संदिग्ध हालात में मौत हो जाती है और पोस्टमार्टम नहीं कराया जाता है।
उसने एसपी और डीएम को प्रार्थना पत्र देकर शव के पोस्टमार्टम कराने की मांग की थी। प्रशासनिक अमले में उस समय भूचाल आ गया जब कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट करके कहा कि सीबीआई के गवाह की हत्या कर दी गई इसमें साजिश की बू आ रही है।
हरकत में आए प्रशासन ने शासन के निर्देश पर यूनुस खान का पोस्टमार्टम कराने का निर्णय लिया। मामले की जांच कर रहे सीओ विवेक रंजन राय यूनुस के घर वालों को समझाने का प्रयास कर रहे थे लेकिन वह पोस्टमार्टम कराने को बिल्कुल तैयार नहीं थे।
शनिवार को पूरे दिन प्रशासनिक अमला पोस्टमार्टम के लिए राजी कराने को लगा रहा लेकिन यूनुस की पत्नी और भाइयों ने पोस्टमार्टम कराने से इंकार कर दिया। रात को एसपी हरीश कुमार और एडीएम बी एन यादव ने शहर काजी और अन्य मुस्लिम धर्मगुरुओं की मदद ली तथा भारी फोर्स के साथ बलपूर्वक कब्र को खुदवाकर शव को बाहर निकलवाया।
रात 9:15 शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला मुख्यालय लाया गया। यहां पर पुलिस की ओर से कागजी कार्रवाई पूरी करने के बाद डॉक्टर तन्मय कक्कड़ के नेतृत्व में डॉक्टर तपन गुप्ता और डॉक्टर सिद्धार्थ के पैनल में वीडियोग्राफी के सामने शव का पोस्टमार्टम किया।
पुलिस विभाग और प्रशासन के आला अफसर मौके पर डटे रहे। रात 2 बजे पोस्टमार्टम करने के बाद यूनुस के शव को दोबारा उसके गांव ले जाकर दफनाया गया।