14 मरीज़ों की मौत की जाँच के बाद ख़ुलासा, BHU अस्पताल में बेहोश करने के लिए इस्तेमाल हुई इंडस्ट्रियल गैस

गोरखपुर के बीआरडी अस्पताल के बाद अब बीएचयू के सुंदर लाल अस्पताल में भी लापरवाही का मामला सामने आया है।

अस्पताल में 3 दिनों में सामान्य से ज्यादा हुई मौतों के बाद जांच में खुलासा हुआ है कि अस्पताल में इंडस्ट्रियल गैस का इस्तेमाल किया जा रहा था।
इस गैस का इस्तेमाल उन मरीजों पर किया जाता था जिनकी सर्जरी करने के लिए उन्हें बेहोश करना जरूरी होता था।

सरकार की जांच रिपोर्ट में भारी लापरवाही की बात सामने आई है कि मरीजों को बेहोश करने के लिए नियमों का उल्लंघन करते हुए इंडस्ट्रियल गैस का इस्तेमाल किया जा रहा था।

रिपोर्ट के अनुसार, 6 जून से 8 जून के बीच बीएचयू के सुंदर लाल अस्पताल में कम से कम 14 लोगों की मौत हुई थी। जिन्हे अस्पताल में सर्जरी के लिए भर्ती कराया गया था।

इतने मरीजों की मौत के बाद इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मामले की जाँच का आदेश दिया था।

जांच में सामने आया कि अस्पताल में नॉन-फार्मास्यूटिकल नाइट्रस आक्साइड का इस्तेमाल किया जा रहा था। जोकि मेडिकल फील्ड में इस्तेमाल की जाने वाली गैसों की श्रेणी में नहीं आती है। 18 जुलाई को दी गई इस रिपोर्ट को उत्तर प्रदेश फूड सेफ्टी एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने तैयार किया है।

इस मामले में कांग्रेस के मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने योगी सरकार पर आरोप लगाया है इस गैस के चलते ही उन 14 मरीज़ों की मौत हुई थी।

इस रिपोर्ट ने योगी सरकार की पोल खोल दी है. योगी जी और स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह को अपने पद पर बने रहने का अधिकार नहीं है। सच तो ये है कि यूपी को योगी ने रोगी बना दिया है।