परिश्रम के दम पर कर्नाटक की रहने वाली रेवती संघलोक सेवा आयोग की आईएएस-2016 की परीक्षा में चयनित हुईं थीं और उन्होंने तीसरा स्थान लाकर बता दिया कि गरीबी सफलता के लिए रोड़ा नहीं बनता. इनके माता एवं पिता दोनों ही मजदुर हैं जो प्रतिदिन अपनी आजीविका के लिए श्रम करते हैं ।
इन परिस्थितियों में भी रेवती ने जिस साहस एवं धैर्य का परिचय दिया है उसकी सराहना में शब्द छोटे पड़ जाएंगे । ऐसी सफलता की कहानियां हज़ारों युवाओं के लिए प्रेणनादायी हैं जो कमजोर आर्थिक परिस्थितियों में अवसाद का शिकार हो जाते हैं और हार मान लेते हैं।
उसके घर की तस्वीर ऊपर है। वह हर किसी के लिए आदर्श मॉडल अभी भी हैं। और उम्मीद है कि यूवा उन्हें अपने रोल मॉडल के रूप में देखेंगे और आने वाले संघलोक सेवा में अच्छा प्रदर्शन करेंगे.