जश्न-ए-रेखता: सर्दी की गुनगुनी धूप में उर्दू जुबान की मिठास ने सभी को मोह लिया!

नई दिल्ली। जश्न-ए-रेख्ता समारोह के दूसरे दिन शनिवार शाम को आला दर्जे के कवियों और शायरों ने अपने ख्वाब मुशायरो में ढालते हुए नजर आए। जिनमें डॉक्टर सैफ अहमद, मीनू बख्शी, इस्लाम शेरी सहित अन्य शायरों ने अपनी नज्में पेश कीं।

मीनू बख्शी का अंदाज-ए-इजहार लोगों के दिलों को छू गया। सर्दी की गुनगुनी धूप में उर्दू जुबान की मिठास ने मिलकर माहौल में अलग ही समां बांध दिया।

एक तरफ महफिल खाना में मंटो के रूबरू बैठे कलाकार थे तो बज्म-ए-ख्याल में उर्दू अफसाने की जिंदा हकीकत पर बात कर रहे अदीब। वहीं दयार-ए-इजहार ख्वातीनों का मुशायरा तो कुंज-ए-सुखन में बज्म-ए-नौबहार की रंगतें बिखर रही थीं।

हजारों की तादाद में लोग अपने चहेते कलाकारों, फनकारों और अदीबों को सुनने पहुंचे थे। यहां फिल्म जगत से शबाना आजमी, मुजफ्फर अली, वहीदा रहमान जैसी नामचीन शख्सीयतें आयोजन का हिस्सा बनीं।

बॉक्स:मंटो से सच बोलना सीखा, कुछ ज्यादा ही बोल दिया: नवाजुद्दीनबॉलीवुड कलाकार नवाजुद्दीन मंटो से रूबरू कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि मैंने सच बोलना मंटो से सीखा।

फिर इतना सच बोल दिया कि बवाल हो गया। अब मंटो को अपने भीतर से निकाल रहा हूं तो दर्द हो रहा है। वह चर्चा में अपनी आत्मकथा के संदर्भ में बोल रहे थे। उनके साथ नंदिता दास भी आई थीं। नवाज जल्द ही फिल्म मंटो में मंटो के किरदार में भी आ रहे हैं।