उर्दू अदब को न पढ़ने से जबान को नुकसान पहुँच रहा है: मंत्री विनोद तावड़े

मुंबई। महाराष्ट्र के शिक्षा व अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री शिक्षा विनोद तावड़े ने कहा है कि उर्दू भाषा भारतीय संस्कृति व सभ्यता का पहचान है जो नज़ाकत व शराफत पाई जाती है। उनहोंने कहा कि हमें यह कहने में कोई झिझक नहीं है कि उर्दू भारत सम्मान है, और इसकी मिठास से सभी लाभान्वित हो रहे हैं।

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बीती रात दक्षिण मुंबई के वाई बी चव्हाण सभागार में महाराष्ट्र स्टेट उर्दू अकादमी की पुरस्कार वितरण समारोह को संबोधित करते हुए विनोद तावड़े ने कहा कि उर्दू में इस देश की खुशबू है और किसी दूसरे देश द्वारा इस जबान को अपनाने की वजह से यह हमारे लिए गैर नहीं हो जाती, बल्कि इसकी जड़ हमारी संस्कृति व सभ्यता के लिए और गहरी हो गई है।

उनहोंने इस बात को लेकर अफसोस व्यक्त किया है कि उर्दू अदब न पढ़े जाने से जबान को नुकसान पहुँच रहा है। उन्होने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि मराठी, हिंदी की तरह उर्दू जबान को भी बढ़ावा देना जरुरी है।