‘उर्दू’ भारतीय इतिहास और संस्कृति का अटूट हिस्सा और आम लोगों की ज़ुबान है: नजमा हेपतुल्ला

इंफाल। मणिपूर की गवर्नर डॉ नजमा हेपतुल्ला ने आज यहां कहा कि भारत के इतिहास और संस्कृति का अटूट हिस्सा रही उर्दू जुबान अब आम लोगों की जुबान बन गई है। डॉक्टर हेपतुल्ला ने इंफाल होटल में उर्दू, अरबी, सीएबीए, एमडीटीपी केन्द्रों के प्रमुखों को संबोधित करते हुए कहा कि उर्दू विभिन्न भाषाओं का संयोजन है।

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समय गुजरने के साथ साथ इसने दुसरे ज़ुबानों के लफ्जों को भी अपने अंदर समा लिया। उन्होंने कहा कि उर्दू के लफ्ज़ भी दूसरे ज़ुबानों में इस्तेमाल किए जाते हैं। भाषा और धर्म दो अलग-अलग विषय हैं, क्योंकि विभिन्न धर्म के लोग उस क्षेत्र की भाषा बोलते हैं जहां वे रहते हैं।

उन्होंने कहा कि जब उन्हें सूचना मिली कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय के तहत काम करने वाली संस्था एनसीपीयुएल इंफाल में कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। जहां मुसलमान मणिपुरी भाषा बोलते हैं उन्हें थोड़ी हैरत हुई लेकिन लोगों की इतनी बड़ी संख्या को देखकर वे बहुत खुश हैं।

डॉ हेपतुल्ला ने उपमहाद्वीप हिंदुस्तान और पाकिस्तान में उर्दू भाषा की विकास, सौंदर्य और प्रशंसा के बारे में बात की। उन्होंने उर्दू भाषा के विकास में भारतीय सिनेमा की भूमिका की भी सराहना की।