अमेरिका में धार्मिक स्वतंत्रता कार्यकर्ताओं और कई अन्य समूहों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हिंदुत्ववादी चरमपंथ के उभार को रोकने और देश में धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा में शामिल समूहों को दंडित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने का आग्रह किया है।
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गुरुवार को भारतीय अमेरिकी मुस्लिम परिषद द्वारा आयोजित ‘भारत में धार्मिक स्वतंत्रता: कैपिटोल हिल पर ब्रीफिंग’ नामक एक आयोजन के दौरान यह अनुरोध किया गया।
इसमें कार्यकर्ताओं, संसद कर्मियों, विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने भाग लिया था। इसके अलावा इसमें अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग (यूएससीआईआरएफ) और नागरिक समाज के लोगों ने भी भाग लिया।
आयोजन में आयोग की पूर्व अध्यक्ष कैटरीना लांटोस स्वेट ने कहा, ‘अपनी पार्टी के चरम तत्वों की निंदा करने और उनसे अपनी दूरी बनाने में पीएम मोदी की विफलता ने वर्तमान की स्थिति में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।’
भारत का कहना है कि उसका संविधान धर्म की स्वतंत्रता के अधिकार सहित अपने सभी नागरिकों को मौलिक अधिकारों की गारंटी देता है और यूएससीआईआरएफ के पास भारतीय नागरिकों के संवैधानिक रूप से संरक्षित अधिकारों पर टिप्पणी करने का कोई आधार नहीं है।
साभार- ‘अमर उजाला’