बलात्कारी की रक्षा के लिए राष्ट्रीय ध्वज का इस्तेमाल राष्ट्रविरोधी : बरखा दत्त

भारत में राष्ट्रीय ध्वज को अपवित्र करना या उसका अपमान करना एक अपराध है और इसकी सजा जेल और जुर्माना दोनों हैं। जम्मू के कठुआ जिले में बलात्कार और हत्या के आरोपी व्यक्ति के लिए रैली में राष्ट्रीय ध्वज का खुलेआम इस्तेमाल किया गया। दुष्कर्म और हत्या मामले में गिरफ्तार किए गए एक पुलिस अधिकारी को रिहा कराने के लिए हिंदू एकता मंच के नेतृत्व में हिन्दू समुदाय के लोगों ने तिरंगा यात्रा निकाली।

इस रैली को लेकर राज्य की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने ट्विटर पर अपना गुस्सा व्यक्त किया और कहा, ‘कठुआ में हाल में पकड़े गए दुष्कर्मी के बचाव में मार्च और प्रदर्शन से चकित हूं। इन प्रदर्शनों में उनके (प्रदर्शनकारियों) द्वारा हमारे राष्ट्रीय ध्वज के इस्तेमाल पर भयभीत हूं, यह बेअदबी के सिवाय और कुछ नहीं है।

चरवाहा बेकरवाल समुदाय की आठ साल की एक लड़की का अपहरण कर यौन उत्पीड़न किया और मार डाला गया था। उसके पिता का कहना था कि बच्ची के शरीर में जलने के निशान, अत्याचार और जननांग विकृति के लक्षण दिखाई दिए। राज्य पुलिस ने मामले में मुख्य आरोपी के रूप में दीपक खजुरिया के नाम से एक विशेष पुलिस अधिकारी (एसपीओ) को गिरफ्तार किया।

लेकिन हिन्दू एकता मंच नामक एक स्वयंभू समूह खजुरिया के पक्ष में खड़ा हुआ और उसे मुक्त कराने के लिए आंदोलन किया जिसमें प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रीय ध्वज को पकड़ा था, साथ ही साथ ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाए गए। क्या यह राष्ट्रवाद का विनाश नहीं है, तो फिर क्या है? सभी देशभक्त कहाँ हैं? फैशन डिजाइनर मालिनी रामानी के खिलाफ पुलिस कार्रवाई को याद करें जब वह एक झंडा बनी पोशाक पहनी थी? राष्ट्रवादी टेलीविजन एंकर अचानक कहां छुप गए?

हिंदू एकता मंच द्वारा हमारे ध्वज का अपमान नहीं किया गया बल्कि वर्दी का भी अपमान किया गया है। जम्मू-कश्मीर पुलिस भारत में सबसे बहादुर और सबसे असाधारण बल हैं। मुझे खुशी है कि मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने इस घटना को लेकर ट्विटर पर गुस्सा व्यक्त करते हुए कहा कि यह प्रदर्शनकारियों द्वारा हमारे राष्ट्रीय ध्वज के इस्तेमाल पर भयभीत हूं। और हम यह नहीं भूल सकते कि एक लड़की के साथ जो कुछ भी हुआ वह गलत था और हमें न्याय की मांग करना चाहिए।