भारतीय युवती उज़्मा को अपने मुल्क़ लौटने की इजाज़त मिल गई है। उज़्मा ने एक पाकिस्तानी व्यक्ति पर जबरन शादी करने का आरोप लगाया था। पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक बुधवार को इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने उज़्मा को भारत लौटने की इजाजत दे दी है।
जस्टिस मोहसिन अख्तर कयानी के नेतृत्व वाली इस्लामाबाद हाई कोर्ट की बेंच ने उज्मा का असली इमीग्रेशन फॉर्म भी लौटा दिया। इस फॉर्म को उसके पति ताहिर अली ने कोर्ट को सौंप दिया था।
सिर्फ इतना ही नहीं कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि जब तक भारतीय महिला उज्मा वाघा बॉर्डर पार नहीं कर लेती तब तक उसको पुलिस की सुरक्षा भी मुहैया कराई जाएगी।
फैसले के बाद ताहिर ने अलग से निजी तौर पर उज्मा से मिलने की गुजारिश भी की जिस पर जस्टिस कयानी ने कहा कि वे उनके चैंबर में मुलाकात कर सकते हैं। लेकिन उज्मा ने उससे मिलने से इनकार कर दिया।
उज्मा ने इस्लामाबाद हाई कोर्ट में 19 मई को एक छह पेज का हलफनामा देते हुए कहा था कि ताहिर के साथ उससे जबर्दस्ती निकाहनामे पर दस्तखत कराए गए थे। उसमें यह भी कहा गया था कि ताहिर की तरफ से पेश हलफनामा झूठा है और कोर्ट से यह गुहार लगाई गई थी कि 30 मई को उसका वीजा खत्म हो रहा है लिहाजा उसको भारत जाने की अनुमति दी जाए।
20 साल की उज्मा ने पाकिस्तान में भारतीय उच्चायोग से गुजारिश करते हुए कहा था कि बंदूक की नोंक पर उससे विवाह किया गया है लिहाजा उसको भारत भेजने की व्यवस्था की जाए।
बाद इसके उसने इस्लामाबाद हाई कोर्ट में पति ताहिर अली के खिलाफ केस दर्ज कराया था और ताहिर अली पर उत्पीड़न,मारपीट और धमकाने का आरोप लगाया था।