‘वेलेंटाइन डे’ एक सामाजिक त्यौहार है, शरियत में इसपर कोई पाबंदी नहीं: सऊदी आलिम

सऊदी अरब के अग्रणी आलिमे दीन अहमद कासिम अलगामदी ने कहा है कि वेलेंटाइन एक सामाजिक पर्व है और इस उत्सव में कोई शरई रुकावट नहीं है।

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मक्का में अमर बिलमारूफ व नही अनिल मुनकर कमीटी के पूर्व डाईरेक्टर जनरल कासिम अलगामदी ने अलअरबिया डॉट नेट से बात करते हुए कहा कि हम विश्व स्तर पर कई दिन मनाते हैं। जैसे फादर्स डे, मदर्स डे, टीचर्स डे और विमेंस डे आदि ये सभी सामाजिक प्रक्रति के इवेंट्स हैं। इनका सीधे तौर पर धर्म की मूल आस्था के साथ कोई संबंध नहीं और न ही इस्लाम में एसी सामाजिक व सांस्कृतिक गतिविधियों की मनादी है। वेलेंटाइन डे या लव डे को मनाने पर कोई शरई प्रतिबंध नहीं है

अल्लामा कासिम अलगामदी ने कहा कि इस्लाम भी लोगों के बीच अच्छी बात को आम करके की हिदायत देता है। यदि आप किसी को बधाई देते हैं, तो इसमें कोई हर्ज नहीं। अच्छाई और भलाई की बातें सिर्फ मुसलमानों से नहीं बल्कि यहूदियों के साथ भी की जा सकती है। उन्होंने कहा कि नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम अपने यहूदी पड़ोसियों के यहाँ आते जाते रहते और उनके समस्याओं के समाधान में उनकी मदद करते। अल्लाह का फरमान भी है [लोगों से अच्छी तरह से बात करो]

उन्होंने सफाई दी कि वेलेंटाइन डे के विरोधी उसे इस्लाम से जोड़ते हैं। उनका दावा है कि यह जिहालत के तेह्वारों में से एक है, अगर कोई धार्मिक त्यौहार मनाने की कोशिश कर रहा है जिसका इस्लाम में कोई वजूद नहीं तो वह इस्लामी शिक्षा का उल्लंघन है। मगर वेलेंटाइन डे एक सामाजिक त्यौहार है, इस त्यौहार के मौके पर हम एक दुसरे के लिए मोहब्बत के जज्बे का इज़हार करते हैं। एक सवाल के जवाब में अलगाम्दी ने कहा कि यहूदियों और ईसाईयों सहित दुसरे गैर मुस्लिमों की ईदों और त्योहारों पर हम उन्हें मुबारकबाद पेश कर सकते हैं।