सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, तीन तलाक़ पर 6 महीने के लिए लगाई रोक

तीन तलाक के मुद्दे पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक पर 6 महीने के लिए रोक लगा दी है। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि केंद्र सरकार संसद में इसको लेकर कानून बनाए।

सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायधीश जेएस खेहर के नेतृत्व में 5 जजों की पीठ ने अपना फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि संसद जब तक कानून नहीं लाती तब तक ट्रिपल तलाक पर रोक रहेगी। इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि तीन तलाक आर्टिकल 14, 15 और 21 का उल्लंघन नहीं है। यानी तीन तलाक असंवैधानिक घोषित नहीं किया जा सकता है।

इस खंड पीठ में सभी धर्मों के जस्टिस शामिल हैं। जिनमें चीफ जस्टिस जेएस खेहर (सिख), जस्टिस कुरियन जोसफ (क्रिश्चिएन), जस्टिस रोहिंग्टन एफ नरीमन (पारसी), जस्टिस यूयू ललित (हिंदू) और जस्टिस अब्दुल नजीर (मुस्लिम) शामिल हैं।

गौरतलब है कि 5 जजों की बेंच इस मुद्दे पर सुनवाई कर रही थी। कोर्ट में यह सुनवाई 6 दिनों तक चली थी। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किए गए हलफनामे में साफ किया था कि वह तीन तलाक की प्रथा को वैध नहीं मानती और इसे जारी रखने के पक्ष में नहीं है। 

बता दें कि मार्च 2016 में उत्तराखंड की रहने वाली शायरा बानो ने तीन तलाक के खिलाफ कोर्ट में एक अर्जी दाखिल की थी। इस पर शायरा का तर्क था कि तीन तलाक न तो इस्लाम का हिस्सा है और न ही आस्था। उन्होंने कहा कि उनकी आस्था ये है कि तीन तलाक मेरे और ईश्वर के बीच में पाप है। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड भी कहता है कि ये बुरा है, पाप है और अवांछनीय है।