भावनगर: मरकज़ में मोदी सरकार की तश्कील के बाद हिंदूवादी तंज़ीम किसी न किसी वजह से अक्सर चर्चा या मुतनाज़ो में रहते ही हैं। ताजा मामला इन तंज़ीमों के दबदबे का है, जिस वजह से गुजरात में मुस्लिम खानदान घर फरोख्त करने के लिए मजबूर हो गया। मामला गुजरात के भावनगर का है, जहां तकरीबन एक साल पहले घर खरीदने वाले मुस्लिम ताज़िर को दबाव के सबब अपना बंगला बेचना पडा।
बताया जाता है कि वीएचपी और आरएसएस के दबाव की वजह से उसे यह फैसला करना पडा। एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक स्क्रैप डीलर अली असगर जावेरी ने भावनगर के हिंदू अक्सरियत वाले इलाके में 10 जनवरी, 2014 को बंगला लिया था।
बंगला खरीदने के कुछ दिनों बाद ही आसपास के हिंदू पडोसी उनकी मुखालिफत में उतर आए थे। विहिप के नेता प्रवीण तोगडिया ने वहां के लोगों से अपील की थी कि इलाके में मुस्लिम खानदानो को न घुसने दें। सालभर एहतिजाज और रस्साकशी के बाद आखिरकार 30 दिसंबर, 2014 को बोहरा मुस्लिम ताज़िर ने अपना बंगला रियल एस्टेट कंपनी भूमति एसोसिएट्स को बेच दिया। जब उन्होंने अपना बंगला बेचा तो VHP और RSS के मेम्बर्स ने डील में बिचौलिए का किरदार निभाया, जो वहां उनके रहने पर मुखालिफत करते थे।
भूमति एसोसिएट्स तीन जैन लोगों की साझेदारी में चलने वाली कंपनी है। गौरतलब है कि गुजश्ता साल जनवरी में विहिप के लीडर प्रवीण तोगडिया ने हिंदू इलाके में घर खरीदने वाले इस मुस्लिम खानदान परिवार के खिलाफ एहतिजाजी मुज़ाहिरा की अगुआई की थी। उन्होंने मुस्लिम खानदान को लेकर मुतनाज़ा बयान दिया था, जिसके बाद मुकामी थाने में उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज हुई थी।
हिंदू इलाके में मुस्लिम खानदान के खिलाफ एहतिजाज की कियादत करने वालों में से आरएसएस के एक सीनीयर लीडर ने कहा कि, जावेरी ने इस इलाके में अपना दबदबा बढाने की बहुत कोशिश की।
उन्होंने कहा कि वह अपना बंगला किसी हिंदू खानदान को किराए पर दे देंगे, लेकिन हमने इससे इनकार कर दिया। उन्होंने बंगला फिल्मों की शूटिंग के लिए किसी कंपनी को भी देने की कोशिश की, लेकिन हमने इसकी इज़ाज़त नहीं दी। गौरतलब है कि इलाके में अब कुछ घर ही मुसलमानो के नाम पर हैं। इस फिर्के के लोगों पर दबाव ज्यादा है, जिस वजह से कोई भी जोखिम मोल लेने को तैयार नहीं है।