कोलकाता : विहिप द्वारा पश्चिम बंगाल के मुस्लिम बहुल जिलों से हिंदू परिवार के घर छोड़ देने पर मजबूर किए जाने के दावे को खारिज करते हुए सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुल्तान अहमद ने कहा है कि बंगाल में संरेखण की राजनीति के लिए कोई जगह नहीं है, मालदा और मुर्शिदाबाद और उत्तरी दिनाजपुर जैसे मुस्लिम बहुल जिलों में सांप्रदायिक सद्भाव का माहौल है।
गौरतलब है कि एक अंग्रेजी अखबार से बात करते हुए विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया ने कहा है कि उत्तर प्रदेश के कैराना में हिंदू परिवारों के विस्थापन के मामले सामने आने के बाद पूरे देश में सर्वेक्षण करने का फैसला किया है.
तोगड़िया ने कहा कि प्रत्येक शहर, प्रत्येक गांव और प्रत्येक क्षेत्र का सर्वेक्षण किया जाएगा कहीं यहाँ किसी हिंदू परिवार को जबरन नकल स्थान के लिए मजबूर तो नहीं किया गया है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कैराना और शामली में हिंदू परिवार के पलायन का प्रचार करने के बाद अब विहिप जैसे कट्टरपंथी दल पश्चिम बंगाल में भी हिंदू परिवार के पलायन का शोशा छोड़ ध्रुवीकरण की राजनीति शुरू कर दी है. विश्व हिंदू परिषद ने पश्चिम बंगाल के ग्रामीण क्षेत्रों के सर्वेक्षण करने का फैसला किया ताकि यह पता किया जा सके कितने हिन्दू परिवार ने पलायन किया है? अल्पसंख्यक और वित्तीय निगम के अध्यक्ष व सांसद सुल्तान अहमद ने बंगाल में हिंदु परिवार के पलायन करने की खबरों को खारिज करते हुए कहा है कि विश्व हिंदू परिषद जैसे दल बंगाल में सांप्रदायिक तनाव फैलाने की कोशिश कर रही है।
उन्होंने कहा कि बंगाल टैगोर और काजी नज़र इस्लाम की भूमि है। यहां सांप्रदायिकता के लिए कोई जगह नहीं है। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार में इस तरह की कोशिश सफल नहीं होने दी जाएगी। विश्व हिंदू परिषद ने बंगाल में मुसलमानों की आबादी की दर 24 प्रतिशत से बढ़कर 27 प्रतिशत होने पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि विहिप का उद्देश्य हिंदू परिवार की सुरक्षा प्रदान करना है।