नामाज़ (उर्दू: نماز) या सलाह (अरबी: صلوة), फारसी शब्द है, जो उर्दू में अरबी शब्द सलात का पर्याय है। कुरान शरीफ में सलात शब्द बार-बार आया है और प्रत्येक मुसलमान औरत और मर्द को नमाज पढ़ने का आदेश ताकीद के साथ दिया गया है।
इस्लाम के शुरुआत से ही नमाज का रिवाज और उसे पढ़ने का हुक्म है। यह मुसलमानों का बहुत बड़ा फ़र्ज़ है और इसे नियमपूर्वक पढ़ना सबाब है तथा न पढना गुनाह है।
लेकिन क्या आपको पता है जिस जानमाज़ पर आप नमाज़ पढ़ते हैं, क्या वह नमाज़ पढने लायक है या नहीं?
विडियो देखें और ऐसी जानमाजों पर नमाज़ पढने से बचे:
