VIDEO : अफ्रीकी देश का कमीना शहर के एक ट्रेन में 400 लोगों की जगह 2 हजार लोग करते हैं रोजाना सफर

कमीना : आज ट्रेन हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुकी है। आवागमन के साथ-साथ यह समाज के विकास के लिए भी महत्व रखती है। इसी के चलते दुनिया भर में तेजी से रेलवे नेटवर्क फैल रहा है, लेकिन इस मामले में अब भी कई देशों की हालत खस्ता है। इन्हीं में से एक है अफ्रीकन कंट्री ‘डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो’। लंबे समय से चले आ रहे गृहयुद्ध और जातीय हिंसा के चलते देश की हालत खस्ताहाल है। यही हाल यहां के रेलवे नेटवर्क का है। यहां अब से करीब 50 साल पुरानी और वह भी गिनती की ट्रेन चलती हैं। इसमें सबसे बुरा हाल कमीना सिटी का है, जहां चलने वाली एकमात्र ट्रेन अब ‘डेथ ट्रेन’ के नाम से फेमस हो चुकी है। सिर्फ 400 लोगों की क्षमता वाली इस ट्रेन से रोजाना 2 हजार लोग सफर करते हैं। कईयों की दम घुटने तो छत से गिरने के चलते हो जाती है मौत.

कमीना में चलने वाली इस एकमात्र ट्रेन के 63 वर्षीय ड्राइवर मोलंगो पिछले 30 सालों से यह ट्रेन चलाते आ रहे हैं। मोलंगों बताते हैं कि इस ट्रेन का इंजन करीब 50 साल पुराना है, जो साउथ अफ्रीका से लाया गया था। तबसे लेकर अब तक यही इंजन काम कर रहा है।
इंजन में खराबी आने पर लोकल इंजीनियरिंग ही इसकी रिपेयरिंग करते रहते हैं। वहीं इसमें लगी तीन बोगियों की डेंटिंग-पेंटिंग जुगाड़ से होती रहती है।

ट्रेन कमीना सिटी से आसपास के शहरों तक का रोजाना सफर करती है, जिसके चलते पैसेंजर्स की संख्या हजारों में रहती है। मोलंगो बताते हैं कि इसमें रोजाना करीब 2000 लोग सफर करते हैं और यह संख्या ट्रेन की कैपेसिटी के हिसाब से पांच गुना ज्यादा है। हालात इस कदर खराब होते हैं कि अब तक हजारों लोगों की मौत दम घुटने से हो चुकी है, जिसमें अधिकतर संख्या बच्चों की है।

वहीं, सैकड़ों लोग बोगियों की छत पर सवार होकर सफर करते हैं, जो अक्सर स्लिप होकर नीचे गिरकर मौत के मुंह में समा जाते हैं या फिर गंभीर रूप से घायल हो जाते हैं। इसी के चलते अब इसे ‘डेथ ट्रेन’ के नाम से पहचाना जाने लगा है। मोलंगो बताते हैं कि कई लोग जबर्दस्ती इंजन में भी घुस आते हैं और यहां भी धक्कामुक्की आम बात है। ऐसी ही एक घटना का जिक्र करते हुए मोलंगो बताते हैं कि एक बार इंजन में हुई धक्कामुक्की में एक लड़का चलती ट्रेन से नीचे गिर गया था, जिसकी मौके पर ही मौत हो गई थी।

इस लड़के के चलते मोलंगों की भी जान जाते-जाते बची थी, क्योंकि वह गिरते समय मोलंगो से टकराया था। हालांकि मोलंगो दूसरी ओर गिर गए और उनकी जान बच गई। वहीं, दर्जनों लोग इंजन के सामने टंगे रहते हैं। यह स्थिति ड्राइवर के लिए काफी खतरनाक होती है। इसके अलावा ट्रेन की बोगियों का टॉयलेट तो यूज के लिए ही नहीं बचता, क्योंकि कई लोग इसमें भी घुस आते हैं। इंजन के खस्ताहाल होने के चलते इसे सिर्फ 30 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से चलाया जाता है। कई बार तो लोग इसमें सवार होने के लिए इसे बीच में ही रुकवा देते हैं।

अभी हाल में ही अफ्रीकी देश डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो में एक ट्रेन दुर्घटना में करीब 60 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि करीब 60 लोग घायल हो गए हैं। राष्ट्रीय ट्रेन सेवा के अधिकारियों ने बताया कि ट्रेन काटंगा प्रांत के कामिना से कासई ओरियंटल प्रांत के म्वेने दितू जा रही थी। इसी दौरान कोटोंगोला स्टेशन के पास एक पुल के ढलान पर ट्रेन पलट गई।